Shock to KRK from HC: ट्विटर पर मनोज बाजपेयी को ‘चरसी और गंजेड़ी’ कहा, HC में याचिका ख़ारिज!

HC ने कहा ' एक्टर की छवि और प्रतिष्ठा को धूमिल करने के लिए पहली नजर में पर्याप्त!' 

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Shock to KRK from HC: ट्विटर पर मनोज बाजपेयी को ‘चरसी और गंजेड़ी’ कहा, HC में याचिका ख़ारिज!

Indore : फिल्म एक्टर मनोज बाजपेयी को ट्विटर पर ‘चरसी और गंजेड़ी’ कहने वाले फिल्म समीक्षक कमाल राशिद खान (केआरके) को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट से राहत नहीं मिली। मनोज बाजपेयी की तरफ से ‘केआरके’ के खिलाफ इंदौर की जिला अदालत में मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया गया था। इसे रद्द कराने के लिए को हाई कोर्ट में दायर याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी गई कि इन विवादास्पद संबोधनों का इस्तेमाल 53 साल के एक्टर की छवि और प्रतिष्ठा को धूमिल करने के लिए पहली नजर में पर्याप्त प्रतीत होता है।

हाई कोर्ट की इंदौर पीठ के न्यायमूर्ति सत्येंद्र कुमार सिंह ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद केआरके द्वारा दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 482 के तहत दायर याचिका 13 दिसंबर को खारिज कर दी। हाई कोर्ट ने कहा कि सबूतों की जांच के बाद ही पता चल सकेगा कि कथित ट्वीट मनोज बाजपेयी की प्रतिष्ठा को धूमिल करने के इरादे से किए गए थे या नहीं!

मनोज बाजपेयी के वकील परेश जोशी ने सोमवार को बताया कि उनके क्लाइंट इंदौर की जिला अदालत में केआरके के खिलाफ दायर मुकदमे में अपना बयान पहले ही दर्ज करा चुके हैं। जोशी ने बताया कि मुकदमे में जिला अदालत में 17 जनवरी 2023 को अगली सुनवाई होनी है।

मुकदमे के मौजूदा पड़ाव पर इस बात का निर्णय सीआरपीसी के उक्त प्रावधान के तहत अदालत को हासिल शक्तियों के इस्तेमाल से नहीं किया जा सकता। हाई कोर्ट की एकल पीठ ने मुकदमे से जुड़े कथित ट्वीट की भाषा पर गौर करने के बाद कहा कि यह स्पष्ट है कि ‘चरसी और गंजेड़ी’ के विवादास्पद संबोधन बाजपेयी सरीखे अभिनेता की छवि और प्रतिष्ठा को धूमिल करने के लिए पहली नजर में पर्याप्त हैं।

केआरके ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए जिला अदालत के 9 जुलाई को पारित उस आदेश को चुनौती दी, जिसके तहत उनके खिलाफ भारतीय दंड विधान (आईपीसी) की धारा 500 के तहत मानहानि का मुकदमा दर्ज किया गया था। मनोज बाजपेयी ने आपराधिक शिकायत के तौर पर जिला अदालत में दायर मुकदमे में आरोप लगाया है कि केआरके ने उनकी प्रतिष्ठा धूमिल करने के इरादे से अलग-अलग ट्विटर हैंडल से 26 जुलाई 2021 को दो ट्वीट कर उन्हें ‘चरसी और गंजेड़ी’ कहा था।

केआरके ने सफाई भी दी 

उच्च न्यायालय में दायर याचिका पर बहस के दौरान केआरके के वकील ने इस आरोप को खारिज करते हुए कहा कि इनमें से एक ट्विटर हैंडल ‘केआरके बॉक्स ऑफिस’ 22 अक्टूबर 2020 को सलीम अहमद नामक शख्स को ‘घोषणा या समझौता विलेख’ के जरिये बेचा जा चुका है और मनोज बाजपेयी के बारे में कथित ट्वीट किए जाने के वक्त केआरके इस हैंडल का इस्तेमाल नहीं कर रहे थे।

किसी का अपमान नहीं किया 

केआरके की तरफ से हाई कोर्ट में कहा गया कि उन्होंने मनोज बाजपेयी या भारतीय फिल्म जगत के किसी भी अन्य कलाकार का अपमान करने के इरादे भी कभी कोई टिप्पणी नहीं की। 47 साल के फिल्म समीक्षक की और से अदालत में यह दलील भी दी गई कि कथित ट्वीट की भाषा और शब्दावली को लेकर मनोज बाजपेयी की ओर से अनावश्यक रूप से आपत्ति जताई जा रही है।