Videocon Chairman Arrested : वीडियोकॉन चेयरमैन वेणुगोपाल धूत भी गिरफ्तार!

ICICI लोन फ्रॉड केस में चंदा कोचर और उनके पति के बाद ये तीसरी गिरफ्तारी

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Videocon Chairman Arrested : वीडियोकॉन चेयरमैन वेणुगोपाल धूत भी गिरफ्तार!

New Delhi : सोमवार सुबह सीबीआई ने ‘वीडियोकॉन’ के फाउंडर वेणुगोपाल धूत को गिरफ्तार कर लिया। इससे पहले शुक्रवार को ICICI बैंक की पूर्व CEO और MD चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को गिरफ्तार किया गया था। उन्हें मुंबई की स्पेशल कोर्ट ने दोनों को तीन की हिरासत में भेज दिया। बैंक लोन धोखाधड़ी मामले में ये गिरफ्तारी है।

चंदा कोचर ने जब देश के बड़े प्राइवेट बैंकों में से एक ICICI की कमान संभाली, तब वीडियोकॉन की विभिन्न कंपनियों को नियमों को ताक में रखकर लोन स्वीकृत किए थे। इनमें 2012 में दिया गया 3250 करोड़ रुपए का एक लोन भी शामिल है। 2 लोन उन कमेटियों ने स्वीकृत किए, जिनमें स्वयं चंदा कोचर मेंबर थीं। बाद में कुछ लोन NPA घोषित कर दिए गए, जिससे बैंक को घाटा हुआ। अभी पूरी तरह से ये साफ नहीं है कि ICICI बैंक को इससे कितना घाटा हुआ।

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धूत को इसलिए गिरफ्तार किया गया

चंदा कोचर के वकील ने शनिवार को कोर्ट में कहा था कि चंदा ऐसी किसी भी कंपनी में डायरेक्टर या स्टेकहोल्डर नहीं थीं, जिसे लोन दिए थे। यह बयान ED को स्वीकार्य था और ED ने उन्हें गिरफ्तार नहीं किया। लेकिन CBI इस बयान से संतुष्ट नहीं हुई और गिरफ्तारी की गई। वकील ने कहा था कि इन लोन के लाभार्थी वीएन धूत हैं। उन्होंने सवाल किया कि अगर CBI को लगता है कि फ्रॉड हुआ तो कोचर को ही क्यों गिरफ्तार किया गया, लाभ पानी वाले को क्यों नहीं किया।

चार कंपनियों का नाम

CBI ने लोन फ्रॉड मामले में चंदा कोचर, दीपक कोचर और वीडियोकॉन ग्रुप के वेणुगोपाल धूत के साथ-साथ नूपावर रिन्यूएबल्स, सुप्रीम एनर्जी, वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड को IPC की क्रिमिनल कॉन्सपिरेसी, चीटिंग और करप्शन से जुड़ी धाराओं के तहत रजिस्टर्ड FIR में आरोपी बनाया था। जनवरी 2020 में प्रवर्तन निदेशालय ने कोचर परिवार की 78 करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति कुर्क की थी। इस के बाद एजेंसी ने कई दौर की पूछताछ के बाद दीपक कोचर को धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) की धाराओं के तहत गिरफ्तार किया था।

2016 में हुई मामले की जांच

2016 में इस लोन मामले की जांच शुरू हुई थी। जब दोनों फर्मों वीडियोकॉन ग्रुप और ICICI बैंक में एक निवेशक अरविंद गुप्ता ने लोन अनियमितताओं के बारे में चिंता जताई थी। गुप्ता ने RBI और यहां तक कि प्रधानमंत्री को इस बारे में लिखा, लेकिन उनकी शिकायत पर उस समय कोई ध्यान नहीं दिया गया। मार्च 2018 में एक अन्य व्हिसल-ब्लोअर ने शिकायत की।

2019 की शुरुआत में चंदा के खिलाफ FIR

इस शिकायत के बाद कई एजेंसियों का ध्यान इस ओर गया। हालांकि, उसी महीने बैंक ने बयान जारी कर कहा कि उन्हें चंदा कोचर पर पूरा भरोसा है। वीडियोकॉन ग्रुप के लोन पास करने में चंदा की कथित भूमिका की जांच के बाद यह बयान दिया गया था। एजेंसियां अपनी जांच करती रहीं और बैंक पर बढ़ रहे प्रेशर के बाद उसने भी जांच शुरू की। इसके बाद CBI ने 24 जनवरी 2019 को FIR दर्ज की।