
4 वर्षीय बालक की कथित गलत इंजेक्शन से मौत को लेकर क्लीनिक पर तोड़फोड़- चक्का जाम
खरगोन : अपने चार वर्षीय पुत्र के कथित तौर पर गलत इंजेक्शन से काल का ग्रास बन जाने से आक्रोशित माता-पिता और परिजनों ने डॉक्टर के क्लीनिक और मेडिकल स्टोर पर तोड़फोड़ कर चक्का जाम कर दिया। एसडीएम खरगोन के आश्वासन के बाद चक्का जाम देर रात समाप्त हुआ।
मध्य प्रदेश के खरगोन जिला मुख्यालय पर दो दिन पूर्व चार वर्षीय बालक की कथित तौर पर गलत इंजेक्शन से मौत को लेकर गुस्साए परिजनों ने शनिवार शाम मेडिकल स्टोर और डॉक्टर के क्लीनिक पर तोड़फोड़ कर खरगोन सनावद मार्ग पर चक्का जाम कर दिया ।
सायं 4 वर्षीय बालक विहान पंचोले के पिता कालू पंचोले, मां और करीब 20 लोगों ने शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर राजेश सयदे के क्लीनिक और गिरिराज महाजन के मेडिकल स्टोर पर तोड़फोड़ कर दी। दरअसल मेडिकल स्टोर संचालक गिरिराज महाजन ने डॉक्टर सयदे को एक क्लीनिक किराए पर दिया हुआ है। डॉक्टर वहीं पर प्रैक्टिस करते हैं और यहीं पर विहान को भी उन्होंने देखा था।
इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने डॉक्टर सयदे और लैब संचालक संदीप गुप्ता के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार करने की मांग को लेकर खरगोन सनावद मार्ग पर चक्का जाम कर दिया। खरगोन के एसडीएम वीरेंद्र कटारे और एसडीओपी रोहित लखारे उन्हें समझाइश देते रहे लेकिन वे नहीं माने।
एसडीओपी रोहित लखारे ने बताया कि फिलहाल विहान के पोस्टमार्टम की रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई है। परिजनों को समझाइश दी गई है की जांच के आधार पर वैधानिक और न्याय पूर्ण कार्रवाई की जाएगी।
मेडिकल स्टोर संचालक संघ गिरिराज महाजन ने बताया कि आज शाम भीड़ ने आकर उनकी दवाई दुकान की कुर्सी और कांच तोड़ दिए और साथ ही संलग्न डॉक्टर सयदे के केबिन और फ्रिज को तोड़ दिया। उन्होंने बताया कि मृतक विहान के पिता कालू को मैंने आज दवाईयों के बिल भी दे दिए थे।
बता दे कि 9 अक्टूबर को बड़वानी जिले के ठीकरी निवासी कालू ने अपने पुत्र विहान को खरगोन लाकर डॉक्टर सयदे को दिखाया था । डॉ सयदे ने पास ही संदीप गुप्ता की लेबोरेटरी से कुछ जांच करवाने के उपरांत अपने क्लीनिक के मालिक गिरिराज महाजन की दवाई दुकान से इंजेक्शन व दवाइयां ख़रीदवायीं थी। इसके बाद लैबोरेट्री संचालक संदीप गुप्ता के यहां इंजेक्शन लगाने के लिए कहा था। इंजेक्शन लगाने के तत्काल बाद विहान के मुंह से झाग आने लगा और उसे झटके आने लगे। डॉक्टर ने उसे एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया जहां उसकी जल्दी ही मृत्यु हो गई थी। इस मामले में जैतापुर पुलिस थाने के द्वारा जांच किए जाने के अलावा जिला कलेक्टर भव्या मित्तल के निर्देश पर डॉक्टरों का तीन सदस्य जांच दल जांच कर रहा है।
एसडीम खरगोन के सख्त कार्रवाई के आश्वासन के बाद चक्का जाम समाप्त कर दिया गया है।




