A Proud moment for Indian Security Scenario: पहले देश में चुनाव होता था या IPL,अब दोनों साथ-साथ हो रहे हैं!
सुदेश गौड़ की विशेष रिपोर्ट
लोकसभा चुनाव 2024 के प्रथम चरण हो चुका है और इसी के साथ देश में खेला जा रहा है IPL टूर्नामेंट। अब आपका सवाल होगा तो इसमें क्या खास बात है। आपके सवाल के जवाब के लिए आपको 15 साल पीछे ले चलते हैं 2009 में।
*IPL 2009 दक्षिण अफ्रीका में खेला गया*
आपको यह अवश्य याद होता कि 2009 का IPL भारत में नहीं दक्षिण अफ्रीका में हुआ था और उसकी वजह थी कि चुनाव होने के कारण, तत्कालीन भारत सरकार यानि माननीय मनमोहन सिंह जी की सरकार ने सुरक्षा मुहैया कराने से मना कर दिया था और कहा था कि हालात ऐसे हैं कि देश में चुनाव हो रहे हैं और हम IPL मैचों के दौरान सुरक्षा नहीं दे सकते हैं। इस निर्णय से भारत को दोतरफा नुकसान हुआ था। पहला करीब 10 करोड़ अमेरिकी डॉलर की राशि दक्षिणी अफ्रीका की अर्थव्यवस्था में IPL के कारण प्रवाहमान हुई थी। दूसरा सुरक्षा के मामले में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि भी धूमिल हुई थी कि सुरक्षा कारणों से IPL का आयोजन भारत से बाहर किया जा रहा है।
*2014 के शुरुआती मैच यूएई में हुए*
2014 के IPL टूर्नामेंट का एक हिस्सा भारत के बाहर आयोजित किया गया था क्योंकि देश के तत्कालीन गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने IPL के लिए सुरक्षा प्रदान करने से इनकार कर दिया था क्योंकि टूर्नामेंट 2014 के भारतीय आम चुनाव के समय ही होना था। परिणामस्वरूप, टूर्नामेंट की मेजबानी भारत और संयुक्त अरब अमीरात ने संयुक्त रूप से की। शुरुआती 20 मैच UAE में अबू धाबी, दुबई और शारजाह के तीन अलग-अलग स्टेडियमों में आयोजित किए गए थे और टूर्नामेंट चुनाव उपरांत 2 मई को भारत लौट आया था।
अब आप सोचिए कि उस वक्त कैसी सरकार रही होगी जो अपने ही देश के लिए हो रहे आयोजन के लिए सुरक्षा मुहैया करने में असमर्थ थी। मजबूरी में दो बार इस पूरे टूर्नामेंट को दूसरे देश में करना पड़ा था।
उस समय देश की स्थिति ऐसी थी कि आए दिन किसी न किसी राज्य में बम धमाके होते थे । सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह से लचर थी।
2014 में मोदी सरकार आयी और आज आप हालत देख लीजिए। वही भारत की सेना है, वही राज्यों की पुलिस है और वही भारत के नागरिक है पर हर तरफ शांति है, कहीं कोई बम धमाका नहीं।
IPL भी बड़े धूमधाम से चल रहा है और साथ में चुनाव की प्रक्रिया भी बड़े आराम से चल रही हैं।