

ऐतिहासिक धरोहर का दुखद अंत!
राजेश चौरसिया की रिपोर्ट
छतरपुर: छतरपुर शहर की एक और ऐतिहासिक धरोहर को आज सुबह ज़मींदोज़ कर मलबे में तब्दील कर दिया गया है। इस प्रकार छतरपुर शहर की एक ऐतिहासिक धरोहर का आज दुखद अंत हो गया है।
तस्वीरों में ज़मीदोज़ करते दिखाये गये भवन का निर्माण तत्कालीन छतरपुर महाराज ने करवाया था। यह निर्माण महाराज छतरपुर के कामकाज देखने वाले मिश्रा जी ने 1926 में कराया था। छतरपुर के गजेटियर में भी इस भवन का उल्लेख है। जिसे क्लब हॉउस स्कवेश हॉल भी कहा जाता था। अब इस पर बुलडोज़र चला दिया गया, जिससे एक ऐतिहासिक धरोहर का दुःखद अंत हो गया है।
*●कलकत्ता साउथ कोर्ट के डिजाइन के आधार पर निर्माण…*
जानकारी अनुसार छतरपुर महाराज डेली कॉलेज इंदौर में शिक्षा ग्रहण करते थे। जहाँ स्कवेश हॉल था तो छतरपुर में भी उसी तरह का हॉल निर्मित कराया गया था। जिसकी डिज़ायन और निर्माण कलकत्ता साउथ कोर्ट के डिजाइन आधार पर निर्माण हुआ, उक्त निर्माण पर उस समय के लगभग 4.5 हजार रूपये खर्च हुए थे।
छतरपुर में प्राचीन और ऐतिहासिक धरोहरों पर कहीं कब्जे करके तो प्रशासन का बुलडोज़र चलाकर नष्ट किया जा रहा है। लोगों के आरोप है कि कहीं न कहीं इस तरह इतिहास को नष्ट करने की बड़ी साज़िश की जा रही है। और इसकी बानगी आज फिर देखने को मिली है जहां स्कवेश हॉल यानि क्लब हाउस की ऐतिहासिक पहचान को बुलडोज़र चलाकर मिट्टी में मिला दिया और ज़मीदोज़ कर दिया गया है।