Aarti Makwana Murder Case : भतीजे ने ही पैसे के लेन-देन को लेकर मौसी की हत्या की! 

आरती मकवाना हत्‍याकांड की गुत्‍थी सुलझी, 25 फरवरी को कृष्‍ण कॉलोनी में की थी हत्‍या

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Aarti Makwana Murder Case : भतीजे ने ही पैसे के लेन-देन को लेकर मौसी की हत्या की! 

धार से छोटू शास्त्री की रिपोर्ट 

Dhar : श्रीकृष्‍ण कॉलोनी में 25 फरवरी की रात 9.30 बजे स्‍कूल टीचर आरती मकवाना की गला रेतकर हत्‍या कर दी गई थी। पुलिस ने इस सनसनीखेज हत्‍याकांड का खुलासा कर दिया। जबकि, पुलिस के पास कोई पुख्ता सबूत नहीं था। पुलिस ने सप्‍ताह भर लंबी जांच के बाद हत्‍याकांड को सुलझाने में सफलता हास‍िल की।

एएसपी रवि वास्केल ने घटना के बारे में बताया कि स्‍कूल टीचर आरती मकवाना की हत्‍या में मुख्‍य आरोपी उनका भतीजा कार्तिक राठौड निकला। आरोपी कार्तिक की उम्र 19 साल है, जो पेशे से प्रापर्टी ब्रोकर और शेयर मार्केट का काम सीख रहा है। घटना के अनुसार, मृतका आरती मकवाना से कार्तिक ने 15 हजार रुपए उधार लिए थे। आरती ने जब बार-बार रुपए लौटाने का दबाव बनाया तो तंग आकर कार्तिक ने इस हत्‍याकांड को अंजाम दिया।

पुलिस ने मृत‍का के भतीजे को हिरासत में लिया। कई दौर की पूछताछ के बाद पुलिस इस नतीजे पर पहुंची कि पैसों के लेनदेन को लेकर ही इस हत्‍याकांड को अंजाम दिया। जांच में सामने आया कि भतीजे ने मौसी से 15 हजार रूपए उधार लिए थे। जब उस पर रुपए लौटाने का दबाव बनाया तो तंग आकर भतीजे ने इस हत्‍याकांड को अंजाम दिया। जांच में यह भी सामने आया कि यह हत्‍या साजिश के तहत नहीं की गई। लेकिन, आरोपी ने पुलिस को गुमराह करने की हरसंभव कोशिश की। कई बार बयान भी बदले, जिस कारण पुलिस का शक गहराता गया और पूछताछ में आरोपी ने हत्‍या की बात कबूल ली।

इस तरह की वारदात

हत्याकांड वाले दिन 25 फरवरी की रात 9.30 बजे कार्तिक अपनी मौसी आरती के घर पहुंचा था। यहां से अपने मौसेरे भाई तीर्थ को उसने अपने साथ लिया और आइसक्रीम खिलाने पाटीदार तिराहे लेकर गया। कार्तिक के साथ दक्ष और देव भी थे। पैसे नहीं होने की बात कहकर वह पर्स लेने श्रीकृष्‍ण कॉलोनी गया, जहां पैसों को लेकर कार्तिक और आरती के बीच कहा-सुनी हुई।

गुस्से में कार्तिक ने आरती के सिर पर पानी की बोटल से वार किया। पुलिस के मुताबिक, उसने तीन से चार बार बोतल से हमला किया। इससे आरती मकवाना बेहोश हो गई। इसके बाद कार्तिक ने किचन से चाकू लाकर आरती का गला रेत दिया। पुलिस के अनुसार चाकू से 6 से 7 वॉर किए। इसके बाद कपड़े से आरती के हाथ बांधकर कार्तिक वहां से करीब 9.45 बजे न‍िकल गया।

कार्तिक के कपडे भी खून से भर गए थे। इस कारण वह सबसे पहले अपने घर शिव विहार कॉलोनी गया, जहां उसने हत्‍या में उपयोग किया गया चाकू छुपाया और कपड़े बदलकर फिर पाटीदार तिराहे पहुंचा जहां से मृतका के बेटे तीर्थ व दक्ष को लेकर आईसक्रीम खाने निकल गया।

पुलिस को गुमराह किया 

इस घटना की सबसे पहले सूचना देने वालों में भी कार्तिक शामिल था। जब घटना की जांच शुरु हुई, तो उसके बयानों में व‍िरोधाभास दर्ज किया गया। ऐसे में पुलिस की शंका बढती गई। इतनी कम उम्र के बावजूद कार्तिक पुलिस को गुमराह करता रहा। लेकिन उसे नहीं पता था कि यह गुमराह करने का प्रयास पुलिस की जांच को उसके नजदीक ले आएगी। पुलिस ने जब सख्‍ती से पुछताछ की, तो इस हत्‍याकांड की परतें खुद कार्तिक ने खोल दी। पुलिस ने कार्तिक को हिरासत में ले लिया।