

AB- PMJAY Scheme: सुपर पावर बनने के लिए सुपर स्वस्थ भारत बनाने के प्रयासों के साथ चुनौतियाँ
आलोक मेहता
पिछले एक दशक में भारत में स्वास्थ्य सेवा पर होने वाले ख़र्च में लगातार क्रमानुगत वृद्धि हुई है | प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी विकसित भारत यानी सुपर पावर संपन्न देशों की तरह 2047 तक भारत को सशक्त बनाए जाने का अभियान चला रहे हैं | इसमें शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा सबसे बड़े मुद्दे हैं | इस लक्ष्य के लिए चुनौतियां भी कम नहीं हैं |
सशक्त भारत के लिए स्वस्थ भारत पहला चरण है | इसी अभियान के तहत दिल्ली की नई सरकार आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB- PMJAY) को लागू करने के लिए 18 मार्च को नेशनल हेल्थ अथॉरिटी के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के लिए तैयार है | इसके साथ ही दिल्ली स्वास्थ्य बीमा योजना को लागू करने वाला 35वां राज्य/केंद्र शासित प्रदेश बन जाएगा | पश्चिम बंगाल एकमात्र ऐसा राज्य रहेगा जिसने इस योजना को नहीं अपनाया है । दिल्ली की पिछली आम आदमी पार्टी (आप) के नेतृत्व वाली सरकार ने एबी-पीएमजेएवाई को लागू करने से इनकार कर दिया था |
AB- PMJAY भारत की आबादी के आर्थिक रूप से कमजोर 40 प्रतिशत हिस्से में शामिल 12.37 करोड़ परिवारों के साथ लगभग 55 करोड़ लाभार्थियों को सेकेंडरी और टेरिटरी हॉस्पिटल में भर्ती होने की स्थिति में प्रति परिवार, हर साल पांच लाख रुपये का हेल्थ बीमा कवर प्रदान कराती है | प्रारंभिक तौर पर प्राप्त सूचना के मुताबिक, पहले चरण में दिल्ली सरकार की ओर से छह लाख लोगों को लाभार्थी बनाया जा रहा है। इसके अलावा आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को भी इस योजना का लाभ मिलेगा। साथ ही दिल्ली में 70 वर्ष या उससे अधिक आयु के बुजुर्गों को भी इस योजना का लाभ मिलेगा।
AB- PMJAY न केवल दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य कवरेज योजना है, बल्कि अवधारणा के बाद से लागू होने वाली सबसे तेज़ योजना भी है ।यह योजना पूरी तरह से डिजिटल है और भारत की लगभग 45% आबादी को कवर करती है |प्रधान मंत्री ने अक्टूबर 2024 में आयुष्मान वय वंदना कार्ड लॉन्च किया, जिससे 70 वर्ष और उससे अधिक आयु के लगभग 6 करोड़ लोग लाभान्वित होंगे।सरकार ने बताया है कि आयुष्मान भारत योजना के तहत 31 जनवरी 2025 तक 8.5 करोड़ से अधिक उपचार करवाये हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने राज्यसभा में यह जानकारी दी है। आयुष्मान भारत योजना 4.2 करोड़ इलाज सरकारी अस्पतालों में और 4.3 करोड़ इलाज निजी अस्पतालों में कराये गये हैं।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मलेन में बताया था कि हम भारत में स्वास्थ्य को विकास के केंद्र के रूप में और विकास को अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की कुंजी के रूप में देखते हैं। हाल के वर्षों में, हमारी कई वैश्विक पहल स्वास्थ्य सुरक्षा के इर्द-गिर्द घूमती रही हैं। यह एक ऐसा क्षेत्र है जहां भारत पहला उत्तरदाता, विकास भागीदार, आपूर्ति श्रृंखला की कड़ी, स्वास्थ्य समाधान प्रदाता, ज्ञान केंद्र और कई मायनों में एक आदर्श रहा है। भारत ने 78 देशों में 600 से अधिक महत्वपूर्ण विकास परियोजनाएं शुरू की हैं। इनमें से कई स्वास्थ्य क्षेत्र में हैं। इसके समानांतर, निजी स्वास्थ्य उद्योग ने भी विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों में सुविधाओं और क्षमताओं में योगदान दिया है ।
भारतीय चिकित्सा जगत 2025 में परिवर्तनकारी विकास के शिखर पर होगा | प्रसिद्ध स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. तामोरिश कोले ने इस बात का दावा किया है | उन्होंने कहा कि, स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र प्रौद्योगिकी में प्रगति, नीतिगत सुधारों और सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज (यूएचसी) के प्रति प्रतिबद्धता से प्रेरित है. | आयुष्मान भारत – प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएम-जेएवाई) जैसे कार्यक्रम अपनी पहुंच का विस्तार कर रहे हैं | साथ ही निवारक स्वास्थ्य सेवा पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं | ऐसा करके हाशिए पर पड़ी आबादी की जरूरतों को पूरा कर रहे हैं |कोले ने कहा कि, राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन (एनडीएचएम) के नेतृत्व में प्रौद्योगिकी से टेलीमेडिसिन, एआई और पहनने योग्य उपकरणों के माध्यम से शहरी-ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा के अंतर को पाटने की उम्मीद है |
अंतरराष्ट्रीय आपातकालीन चिकित्सा संघ की नैदानिक अभ्यास समिति के अध्यक्ष कोले ने कहा कि, पीएम-आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन जैसी बुनियादी ढांचा पहल टियर-2 और टियर-3 शहरों में स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने, असमानताओं को कम करने और उन्नत देखभाल तक पहुंच में सुधार करने के लिए तैयार हैं | इसके साथ ही, स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों को बेहतर बनाने और चिकित्सा शिक्षा का विस्तार करने के प्रयासों का उद्देश्य स्वास्थ्य सेवा कार्यबल को मजबूत करना है, इसे वैश्विक मानकों के साथ अलाइन करना है |
भारत की स्वास्थ्य सेवा रणनीति गैर-संचारी रोगों के बढ़ते बोझ से निपटने के लिए निवारक और प्राथमिक देखभाल पर जोर देती है, जिसे टीकाकरण अभियान, पोषण कार्यक्रम और मानसिक स्वास्थ्य पहलों द्वारा समर्थित किया जाता है |
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 2023-24 के लिए अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा कि आयुष्मान भारत, यू-विन (सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम-विन), भारत का राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी), राष्ट्रीय एड्स और एसटीडी नियंत्रण कार्यक्रम (चरण-वी), मिशन परिवार विकास, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन (एनयूएचएम), राष्ट्रीय टेली मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम (एनटीएमएचपी) सहित अन्य ने स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़ी सफलता दर्ज की है |
। भारत में चिकित्सा शिक्षा का जिक्र करते हुए मंत्रालय ने कहा कि, 2013 से14 में 387, 2024 से 25 में 780 (सरकारी- 431, प्राइवेट- 349) तक मेडिकल कॉलेजों में 101.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. इसके अलावा, एमबीबीएस सीटों में 2014 से पहले 51,348 से 130 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. वर्तमान में यह 1,18,137 हो गई हैं. पीजी सीटों में भी 2014 से पहले 31,185 से 134.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और अब 73,157 हो गई हैं |मंत्रालय ने कहा, “नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना के लिए केंद्र प्रायोजित योजना के तहत तीन चरणों में 157 मेडिकल कॉलेजों की स्थापना को मंजूरी दी गई है, जिनमें से 131 कार्यरत हैं और शेष कुछ वर्षों में कार्यरत हो जाएंगे. इन 157 कॉलेजों में से 40 देश के आकांक्षी जिलों में बनाए जा रहे हैं, जिससे चिकित्सा शिक्षा में असमानता के मुद्दों का समाधान होगा |
भारत सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए स्वास्थ्य क्षेत्र को मजबूत करने हेतु ₹95,957.87 करोड़ का आवंटन किया है, जो पिछले वर्ष ₹86,582.48 करोड़ से थोड़ा अधिक है। यह स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए एक बड़ा कदम है, जिसमें सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं के सुधार, विकास और रखरखाव के लिए आवश्यक वित्तीय प्रावधान किए हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बजट में देश की स्वास्थ्य प्रणाली को सुदृढ़ करने के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाओं की घोषणा की है। सरकार ने आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के लिए ₹9,406 करोड़ का बजट निर्धारित किया है। इसके तहत गरीब और जरूरतमंद लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे। इसके साथ ही प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन को ₹4,200 करोड़ का आवंटन किया गया है, ताकि स्वास्थ्य सेवाओं के ढांचे को और बेहतर बनाया जा सके। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ( के लिए ₹37,226.92 करोड़ का बजट आवंटित किया गया है, जिससे ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार होगा। इसके अलावा राष्ट्रीय टेली मेंटल हेल्थ प्रोग्राम के लिए ₹79.6 करोड़ का प्रावधान किया गया है, जो मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को डिजिटल रूप से प्रदान करने के लिए महत्वपूर्ण कदम है।
सरकार ने 2025-26 के दौरान 200 नए कैंसर केंद्र स्थापित करने की योजना बनाई है। इससे कैंसर के इलाज में सुधार होगा और अधिक लोगों तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचेंगी। इसके साथ ही, अगले तीन वर्षों में सभी जिला अस्पतालों में डेकेयर कैंसर केंद्र स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है, जिससे दूर-दराज के क्षेत्रों में भी कैंसर के इलाज की सुविधा मिल सकेगी।
मेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में भी इस बजट के तहत महत्वपूर्ण प्रावधान किए गए हैं। वित्त मंत्री ने बताया कि अगले वर्ष 10,000 अतिरिक्त सीटें मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में जोड़ी जाएंगी। इसके साथ ही, सरकार का उद्देश्य अगले पांच वर्षों में 75,000 मेडिकल सीटें जोड़ने का है। पिछले 10 वर्षों में लगभग 1.1 लाख अंडरग्रैजुएट और पोस्टग्रैजुएट मेडिकल सीटों में 130% की वृद्धि की गई है, जो चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा सुधार है। इस प्रकार, सरकार ने स्वास्थ्य क्षेत्र को प्राथमिकता देते हुए एक मजबूत और समग्र स्वास्थ्य प्रणाली की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इन प्रावधानों से न केवल स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि देश में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता और इंफ्रास्ट्रक्चर में भी बड़ा सुधार होगा।
आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत ही 70 साल या उससे ज्यादा उम्र के बुजुर्गों को अच्छी मेडिकल सुविधा देने के उद्देश्य से साल 2024 में ही आयुष्मान वय वंदना कार्ड की शुरुआत की गई थी। इस कार्ड को बनवाने के फायदे हैं कि लाभार्थी देशभर के किसी भी अस्पताल में 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज करा सकता है। भले ही उनकी सालाना आय कुछ भी हो। एक अनुमान के मुताबिक देश में 6 करोड़ से ज्यादा 70 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्ग हैं।
देश में आयुष्मान भारत योजना के लागू होने के करीब छह साल बाद तक ओडिशा, दिल्ली और पश्चिम बंगाल में इसे लेकर विरोध रहा, लेकिन ओडिशा में भाजपा की सरकार आते ही राज्य ने इसे हरी झंडी दे दी।
केंद्र सरकार ने 70 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों को , उनकी आय चाहे जो भी हो, आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी पीएम-जेएवाई) के कवरेज का विस्तार करने का फैसला किया है, जिससे लगभग 60 मिलियन लोगों को मुफ्त स्वास्थ्य कवरेज का एक छोटा सा हिस्सा प्रदान किया गया है। दुनिया में सबसे अधिक स्वास्थ्य देखभाल के लिए भारत में जेब से खर्च के साथ, यह निर्णय वास्तव में प्रशंसनीय है।
अमेरिका में, मुख्य रूप से बीमा-आधारित योजनाओं पर निर्भर रहने के कारण स्वास्थ्य सेवा की लागत में वृद्धि हुई। भारत अमेरिका के रास्ते पर चलता दिख रहा है। हालांकि, मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, कम उपचार दरों और भुगतान में देरी के कारण निजी क्षेत्र में उत्साह कम हो रहा है, इसके लॉन्च के बाद से, पीएम-जेएवाई योजना के तहत हर साल खर्च किए गए कुल धन का दो-तिहाई निजी अस्पतालों में गया | इसलिए चुनौतियाँ भी हैं |
दरअसल आयुष्मान भारत में कुछ राज्यों में फर्जीवाड़ा पकड़ा गया । जिनमें गुजरात में एक ही परिवार के नाम पर 1700 लोगों का कार्ड बनाए जाने, छत्तीसगढ़ में एक ही परिवार के नाम पर 109 कार्ड बनाने व उनमें से 57 की आंख की सर्जरी कराने और 171 अस्पतालों द्वारा फर्जी बिल भेज कर भुगतान लेने जैसे मामले शामिल हैं। बताया जाता है कि अभी तक दो लाख से अधिक फर्जी कार्ड का मामला सामने आया है।भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) ने अपनी रिपोर्ट में खुलासा किया है कि आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PMJAY) में कई फर्जीवाड़े हुए हैं। जिनमें बेनिफिशियरी आईडेंटिफिकेशन सिस्टम (BIS) के जरिए सबसे बड़ी गड़बड़ी यह सामने आई है कि योजना के लगभग 7.50 लाख लाभार्थियों का मोबाइल नंबर एक ही था।
रिपोर्ट 8 लोकसभा में पेश की गई , जिसमें सितंबर 2018 से मार्च 2021 तक के परफॉर्मेंस ऑडिट रिजल्ट शामिल किए गए हैं। रि
परिवारों के आकार पर भी संदेह CAG की रिपोर्ट में यह बताया गया है कि 43,197 घरों में परिवार का आकार 11 से 201 सदस्यों तक का था। एक घर में इतने सदस्यों का होना न केवल रजिस्ट्रेशन प्रोसेस के दौरान वेरिफिकेशन में फर्जीवाड़े को दिखाता है, बल्कि इस बात की भी संभावना है कि लाभार्थी इस योजना में परिवार की परिभाषा स्पष्ट न होने का फायदा भी उठा रहे हैं।गड़बड़ी सामने आने के बाद NHA ने कहा कि वह 15 से ज्यादा सदस्यों वाले किसी भी लाभार्थी परिवार के केस में एड मेम्बर ऑप्शन को डिसेबल करने के लिए सिस्टम डेवलप कर रहा है।रिपोर्ट के मुताबिक 7.87 करोड़ लाभार्थी परिवार योजना में रजिस्टर्ड थे। जो नवंबर 2022 के टारगेट 10.74 करोड़ का 73% है। बाद में सरकार ने लक्ष्य बढ़ाकर 12 करोड़ कर दिया था।6 राज्यों में पेंशन भोगी उठा रहे PMJAY का लाभ PMJAY का लाभ चंडीगढ़, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र और तमिलनाडु में कई पेंशनभोगी उठा रहे हैं। तमिलनाडु सरकार के पेंशनभोगी डेटाबेस की इस योजना के डेटाबेस से तुलना करने पर पता चला कि 1,07,040 पेंशनभोगियों को लाभार्थियों के रूप में शामिल किया गया था।इन लोगों के लिए राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने बीमा कंपनी को करीब 22.44 करोड़ रुपए का प्रीमियम भुगतान किया गया। ऑडिट में पता चला कि अयोग्य लोगों को हटाने में देरी के चलते बीमा प्रीमियम का भुगतान हुआ था। भविष्य में इस तरह की गड़बड़ियां रोकने के लिए विभिन्न राज्य सरकारों , सामाजिक संगठनों , मेडिकल से जुड़े संस्थानों और अस्पतालों के प्रबंधन को महत्वपूर्ण सहयोग देना होगा |