Accident : हँसते, खेलते पूरे परिवार की धड़कनें एक ट्रक की रफ़्तार के आगे थम गई

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Satna : मैहर के जीत नगर के पास एक सड़क हादसे में पूरा परिवार उजड़ गया। तेज रफ्तार ट्रक ने इस परिवार की कार ऐसी टक्कर मारी कि पति-पत्नी और दो मासूम बच्चों की मौत हो गई। इस सड़क हादसे में पूरा परिवार ही मारा गया। जमताल के सत्यम उपाध्याय अपनी पत्नी मोनिका बेटी इशानी और बेटे स्नेह के साथ एक शादी में गए थे। पूरा परिवार मारुति स्विफ्ट से लौट रहा था, तभी मैहर थाना क्षेत्र में जीत नगर के पास एक ट्रक ने उनकी कार को सामने से जोरदार टक्कर मार दी। ये टक्कर इतनी भयावह थी कि उसमें पूरा परिवार खत्म हो गया।   सत्यम, मोनिका और इशानी ने घटनास्थल पर ही दम तोड़ दिया। स्नेह को जबलपुर रेफर किया, पर रास्ते में उसने भी दम तोड़ दिया। सत्यम उपाध्याय एक मोबाइल शॉप चलाते थे। लौटते समय परिवार ने सेल्फी भी ली। पर, यह आखिरी फैमिली फोटो बन गई। जमताल में पति-पत्नी, बेटा-बेटी का एक साथ अंतिम संस्कार हुआ।

सतना से लौटते हुए रास्ते में परिवार एक रेस्टोरेंट में रुका था। यहाँ पूरे परिवार ने साथ में फोटो खींचा था। रेस्टोरेंट के वेटर ने मोबाइल से पूरे परिवार की फोटो खींची, पर ये समय इतना मनहूस था कि आखिरी फैमिली फोटो बन गई! किसे पता था कि इस परिवार की जिंदगी के फ्रेम की ये आखिरी फोटो बनने वाली है। परिवार शादी से अपने घर के लिए निकल पड़ा था। 15 मिनट की ही दूरी घर की बची थी, कि ये अनहोनी घट गई। हादसे के बाद 2 घण्टे तक स्नेह सड़क पर इलाज तलाशता रहा। पर्याप्त समय मिलने के बाद भी उसे वह चिकित्सा नही मिल सकी कि उसकी जान बच सके। लाखो रुपए के जिला अस्पताल में बने ट्रामा सेंटर ट्रामा स्थितियों से निपटने जैसा कुछ नही था।

एक घंटे पहले मैहर अस्पताल से रवाना हुए घायल स्नेह की सूचना जिला अस्पताल को भी नहीं थी कि वह समय रहते कोई व्यवस्था कर सके। घटना के 2 घंटे बाद अस्पताल पहुंचने वाले स्नेह ने दम तोड़ गया। वास्तव में ये परिवार की मौत नहीं, यहां की चिकित्सा व्यवस्था की मौत है। उन नेताओं की इंसानियत की मौत है, जो बड़े-बड़े दावे करते है, पर उनसे होता कुछ नहीं! ये मौत है उन अफसरों की जिम्मेदारियों की, जिन पर इसके सुधार और निगरानी की जिम्मेदारी है।