इस दिन का हिसाब
इस दिन का क्या करूंँ
छप्पन बरसों पहले के
इसी तासीर के एक दिन से जिसका
इश्क़ है
बस इसी संबंध के भरोसे
ये उछल कूद करता है
जबकि उसने सारे रिश्ते खत्म कर लिए हैं
मुझसे भी
एक कच्चा घर तब्दील हो चुका है
खंडहर में
नदी पोखर खेतों को
भरने योग्य बारिश को भी
नहीं कुछ याद रहा मैं
सितारों में बदल चुके
मुझे सबसे पहले देखने वाले रिश्ते
बस माँ को याद होगा
ठीक इस शक्लो सूरत का वह दिन
उसे ही दिखाई देती है
इतने बरसों के एक एक दिन से
बनी एक मीनार
मेरे जन्मदिनों का
पूरा का पूरा हिसाब
बस माँ को पता है
मुझे भी इस दिन
बहुतेरी गुमी चीज़ें याद आतीं हैं
देखते हुए इतने ताज़ा रिश्ते
ब्रज श्रीवास्तव
ब्रज श्रीवास्तव
जन्म :5 सितंबर 1966 (विदिशा )
शिक्षा :एम. एस. सी. (गणित), एम. ए. हिन्दी, एम ए (अंग्रेजी,) बी. एड.
प्रकाशन
साहित्य की पत्र-पत्रिकाओं, पहल, हंस, नया ज्ञानोदय, कथादेश, बया, वागर्थ, तदभव, आउटलुक, शुक्रवार, समकालीन भारतीय साहित्य, वर्तमान साहित्य,इंडिया टुडे, दुनियां इन दिनों, शत दल, वसुधा, साक्षात्कार, संवेद, यथावत, अक्सर, रचना समय, कला समय, पूर्वग्रह, दस बरस, जनसत्ता, सहित अनेक अखबारों, रसरंग, लोकरंग, सुबह सवेरे, नवदुनिया, सहारा समय, राष्ट्रीय सहारा आदि में कविताएँ, समीक्षायें और अनुवाद प्रकाशित.
कविता संग्रह
पहला संग्रह "तमाम गुमी हुई चीज़ें" म.प्र. साहित्य परिषद् भोपाल के आर्थिक सहयोग से 2003 में रामकृष्ण प्रकाशन विदिशा से प्रकाशित (ब्लर्व, राजेश जोशी)
दूसरा कविता संग्रह, "घर के भीतर घर" 2013 में, शिल्पायन प्रकाशन से प्रकाशित. (ब्लर्व : मंगलेश डबराल)
ऐसे दिन का इंतज़ार बोधि प्रकाशन से 2016 में आया है. आशाघोष एवं समय ही ऐसा है कविता संग्रह। उड़िया में एक संग्रह कहानी रे तुमे प्रकाशित।
कथेतर गद्य का एक संग्रह एवं कविता संग्रह हम गवाह हैं प्रकाशनाधीन।
दूरदर्शन और आकाशवाणी से परिचर्चा और कविता पाठ का अनेक बार प्रसारण.
सहभागिता
मध्य प्रदेश साहित्य अकादमी के आयोजन में जबलपुर, खंडवा में और भारत भवन के आयोजन परिधि में देवास में कविता पाठ एवं संचालन। प्रगतिशील लेखक संघ के आयोजन में जयपुर और बीना में कविता पाठ। सरोकार प्रकाशन भोपाल के आयोजन में विशेष कविता पाठ।वनमाली सृजन पीठ के आयोजन में बिलासपुर में कविता पाठ। विश्व रंग में कथेतर गद्य सत्र में सहभागिता एवं संचालन। केंद्रीय साहित्य अकादमी दिल्ली में भी वक्तव्य ।
अखिल भारतीय दिव्य पुरस्कार सहित एक दो स्थानीय स्तर के सम्मान।
संपादन:दैनिक विद्रोही धारा के साहित्यिक पृष्ठ का तीन वर्षों तक संपादन. काव्य संकलन, दिशा विदिशा.(वाणी प्रकाशन) से प्रकाशित. नवदुनिया और कला समय में स्तंभ लेखन।साकीबा की स्थापना एवं संगठन।
व्यवसाय
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