Acquitted After 13 Years : झूठी शिकायत पर 5 आरोपी दोषमुक्त, 13 साल बाद फैसला!

कोर्ट ने पाया कि पुलिस कार्रवाई दोषपूर्ण, आरोपियों के साथ ज्यादती भी हुई!

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MLA in MP Punished
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Acquitted After 13 Years : झूठी शिकायत पर 5 आरोपी दोषमुक्त, 13 साल बाद फैसला!

Indore : महिला से मारपीट करने वाले आरोपियों पर पुलिस ने झूठी धाराओं में केस दर्ज किया था। इस मामले में 13 साल बाद कोर्ट ने पांच आरोपियों को दोषमुक्त कर बरी कर दिया। कोर्ट ने पाया कि जिस तरह की घटना पुलिस ने बताई, वो तर्कपूर्ण नहीं है।

मामले में दोषमुक्त हुए आरोपी सुधीर शर्मा निवासी रानीपुरा के वकील कृष्ण कुमार कुन्हारे एवं डॉ रूपाली राठौर के अनुसार 20 नवंबर 2011 को थाना बाणगंगा में फरियादी रमा निगम ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उसके खेत पर सुधीर शर्मा, गौरव, शरद, उत्तम, कालू नामक युवकों कब्जा कर लिया। जब वह आरोपियों से बात करने गई तो उसके साथ मारपीट की गई।

शिकायत दर्ज होने के बाद फरियादी के साथ थाने के सब इंस्पेक्टर आरएस शाक्य, आरक्षक मंगलेश्वर सिंह, राघवेन्द्र सिंह, ज्ञानेंद्र सिंह और नागेन्द्र यादव घटनास्थल पर पहुंचे। यहां पुलिस को सुधीर ने डंडे से मारने, पुलिस जवानों को उठाकर पटकने की कहानी बनाकर एक अन्य एफआईआर आरक्षक मंगलेश्वर सिंह की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी।

एक माह बाद पकड़ना बताया

इस मामले में युवकों के वकील ने कोर्ट को बताया की बलवे की धारा जमानती तथा शासकीय कार्य में बाधा डालने की धारा गैर जमानती है। विवेचक वीरेंद्र सिंह सिकरवार ने आरोपियों को 20 दिसंबर को पकड़ना बताकर थाने में थर्ड डिग्री दिया। बंदूक की बट से मारा और युवकों का जल्दबाजी में मेडिकल करा दिया। मेडिकल में युवकों को चोट के निशान आने पर मामला रफा-दफा करने की नीयत से वीरेंद्र सिंह ने युवकों को बलवे की धारा वाली पहली एफआईआर में जमानत पर छोड़ दिया। शासकीय कार्य में बाधा डालने वाली एफआईआर में आरोपियों की गिरफ्तारी नही ली गई।

युवक दुबला पतला

जिला न्यायालय में वकील ने यह भी तर्क दिया कि युवक सुधीर जो की 40 किलो वजनी है। उसके द्वारा डंडे से पुलिस को मारना, हट्ठे-कट्ठे आरक्षक मंगलेश्वर सिंह को उठाकर पटकने की और डंडे से मारने के आरोप भी झूठे बेबुनियाद होकर पूरा प्रकरण रंजिश स्वरूप फरियादी रमा निगम द्वारा बनाया है। इसके बाद शासकीय कार्य में बाधा डालने वाले केस में अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी केशव सिंह ने वीरेंद्र सिंह की कार्रवाई पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुए सब इंस्पेक्टर की अनुसंधान कार्रवाई को पूर्णत: प्रदूषित होना पाने की तल्ख टिप्पणी करते हुए कोर्ट ने प्रकरण में पूर्व से रंजिश पाते हुए युवकों के वकील द्वारा तर्क स्वरूप युवकों के साथ थाने में मारपीट की गई।