ACS Reviews Land acquisition Cases : मध्यम और बड़ी सिचाई परियोजनाओं के लिए कितना किया भू अर्जन, कितनी वन भूमि ली, ACS करेंगे समीक्षा 

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ACS Reviews Land acquisition Cases : मध्यम और बड़ी सिचाई परियोजनाओं के लिए कितना किया भू अर्जन, कितनी वन भूमि ली, ACS करेंगे समीक्षा 

 

भोपाल: मध्यप्रदेश में मध्यम और वृहद जल परियोजनाओं के लिए कितनी वन भूमि का अधिग्रहण किया गया और कितना भू अर्जन किया, इसकी जानकारी जलसंसाधन विभाग के एसीएस राजेश राजौरा ने तलब की है। वे अब हर मंगलवार इसकी समीक्षा करेंगे।

जलसंसाधन विभाग के प्रमुख अभियंता शिरीष मिश्रा ने सभी कछारों के मुख्य अभियंताओं और परियोजना संचालकों को निर्देश जारी कर यह जानकारी मांगी है और कहा है कि हर मंगलवार को अपर मुख्य सचिव जलसंसाधन राजेश राजौरा हर सप्ताह इसकी समीक्षा और मानीटरिंग करेंगे इसलिए मध्यम और वृहद परियोजनाओं के लिए अधिग्रहित की गई वन भूमि और निजी भूमि के भूअर्जन की जानकारी एसीएस को उपलब्ध कराई जाए। चंबल बेतवा कछार, गंगा कछार रीवा, जलसंसाधन विभाग होशंगाबाद, मुख्य अभियंता विद्युत यांत्रिक जलसंसाधन विभाग भोपाल, नर्मदा ताप्ती कछार इंदौर, धसान केन कछार सागर, यमुना कछार ग्वालियर, जलसंसाधन संभाग उज्जैन, राजघाट नहर परियोजना दतिया, मुख्य अभियंता ब्यूरो आॅफ डिजाईन बोधी जलसंसाधन विभाग, एमकेपीएमयू राजगढ़, एसएसपीआईयू शामगढ़ मंदसौर, पदी परियोजना प्रबंधक इकाई ओआरपीएमयू, रतनगढ़ मैनेजमेंट यूनिट एमआरपीएमयूडब्ल्यू आरडी ,राजघाट नहर परियोजना जलसंसाधन दतिया में अब तक कितनी वन भूमि अधिग्रहित की गई और निजी भूमि का अर्जन किया गया यह जानकारी मांगी गई है। आगे इन परियोजनाओं के विस्तार और रखरखाव तथा नवीन परियेजनाओं के शुरु किए जाने के लिए कितनी वन भूमि के अधिग्रहण की आवश्यकता है और कितनी निजी भूमि अधिग्रहित की जाना है इसकी जानकारी भी मांगी गई है ताकि प्रदेश में जलाशयों, नहरों की संख्या बढ़ाई जा सके और प्रदेश में सिचाई का रकबा बढ़ाया जा सके।