Bhopal : प्रदेश में बिना अनुमति या अनुमति से अधिक भवन निर्माण पर सख्ती से कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। नगरीय प्रशासन एवं विकास आयुक्त निकुंज श्रीवास्तव ने सभी नगर निगम आयुक्त और मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने निकाय क्षेत्र अंतर्गत भवन निर्माण अनुज्ञा (स्वीकृति), स्वीकृत मानचित्र के विपरीत या अनुज्ञा के बगैर ही निर्माणाधीन बहुमंजिला एवं ऊंचे भवनों को 20 सितंबर तक चिह्नित कर रिपोर्ट मांगी है।
नगरीय प्रशासन एवं विकास आयुक्त ने निर्देश दिए कि भवन का निर्माण स्वीकृत मानचित्र के अनुसार हो रहा है या नहीं, यह भी देखें। इसके प्रावधान पहले से हैं, इसलिए भवन निर्माण के विभिन्न चरणों (प्लिंथ आदि भी) के कार्य पूर्ण होने पर नगरीय निकाय का तकनीकी अमला पर्यवेक्षण करे और पूरी तरह से नियमों का पालन कराए। वहीं स्वीकृत मानचित्र के विपरीत निर्माण पाए जाने पर अधिनियम के प्रावधानों के तहत तत्काल कार्रवाई हो।
जारी आदेश में कहा गया कि प्रत्येक माह की 7 तारीख तक पिछले माह की कार्रवाई का प्रतिवेदन भी भेजें। आमतौर पर देखने में आया है कि नगरीय निकाय क्षेत्र में स्वीकृत एफएआर से अधिक एवं स्वीकृत मानचित्र के विपरीत निर्मित और निर्माणाधीन भवन हैं। अधिनियम में पर्याप्त प्रविधान होने पर भी निकाय का अमला समय पर कोई कार्रवाई नहीं करता है। इससे ऐसे निर्माण को बढ़ावा मिल रहा है।
उल्लेखनीय है कि नगर पालिका परिषद और नगर परिषद क्षेत्र में मप्र नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 187 के उपबन्ध अनुसार भवन निर्माण की अनुज्ञा प्रदान की जाती है। भवन निर्माण अनुज्ञा में मप्र नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम 1973 के उपबंधों एवं मप्र भूमि विकास नियम 2012 के सभी सुसंगत प्रावधानों का पालन किया जाना अनिवार्य है। भवन निर्माण अनुज्ञा एवं स्वीकृत मानचित्र के अनुसार भवन का निर्माण सुनिश्चित करने एवं भवन निर्माण पूर्ण होने पर अधिनियम की धारा 191 के उपबन्ध अनुसार पूर्णता प्रमाण पत्र तथा भवन के अधिभोग की अनुज्ञा भी आवश्यक है।