Administration’s bulldozer: मिशनरी कंपाउंड में फिर चला प्रशासन का बुलडोजर

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Administration’s bulldozer:
मिशनरी कंपाउंड में फिर चला प्रशासन का बुलडोजर

रतलाम।शहर के मुख्य चौराहे सैलाना बस स्टैंड पर स्थित मिशन कम्पाउन्ड में आज अल सुबह जिला प्रशासन ने कार्यवाही करते हुए वहां स्थित 16 हजार वर्ग मीटर जमीन पर बुलडोजर चलवाकर जमीन पर कब्जा कर लिया।इस जमीन पर मिशन कम्पाउन्ड और चर्च का कब्जा था जो न्यायालय में विचाराधीन था।पिछले वर्ष 14 अक्टूबर को जिला प्रशासन द्वारा यहां कार्यवाहीं की गई थी जो किसी कारण से स्थगित हों गई थी।

बता दें कि इस जमीन की कीमत करोड़ों रुपए में हैं।आज इस भूमि पर कब्जा करने के लिए प्रशासन ने कार्रवाई शुरू की तो बुलडोजर कम्पाउन्ड में जर्जर हो चुके पुराने भवनों को ध्वस्त कर दिया।

मिशनरी को नहीं मिला था स्टे
पिछले दिनों ही मिशनरी की तरफ से न्यायालय में स्टे आर्डर लेने के लिए दावा प्रस्तुत किया गया था। मिशनरी की तरफ से तीन पार्टियों ने प्रशासन की कार्रवाई को चुनौती देते हुए रोकने और स्टे देने के लिए दावा किया था।सुनवाई के बाद जिला प्रधान न्यायाधीश ने दावे को खारिज करते हुए स्टे देने से इनकार कर दिया था।कोर्ट ने कहा था कि मिशनरी अपनी तरफ से कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर पाए।

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इन्होंने न्यायालय में पेश किया था स्टे के लिए वाद प्रस्तुत किया
मिशनरी की और से मध्यप्रदेश शासन के रतलाम कलेक्टर, एसडीएम शहर और तहसीलदार शहर को प्रतिवादी बनाते हुए चर्च ऑफ नार्थ इंडिया ट्रस्ट एसोसिएशन ने संयुक्त पॉवर ऑफ अटार्नी होल्डर एडवर्ड मगन जी व राइट रेव्हरेंट मनोज चारण, चर्च ऑफ नार्थ इंडिया ट्रस्ट एसोसिएशन डायोसिस ऑफ भोपाल-इंदौर,रतलाम स्थित चर्च ऑफ नार्थ इंडिया की संपत्ति के सचिव हेमेंत वाल्टर और चर्च ऑफ इंडिया ट्रस्ट एसोसिएशन डायोसिस भोपाल-इंदौर की तरफ से रतलाम स्थित प्रेसबिटर इंचार्ज फादर रेव्हरेंट सेमसनदास की तरफ से स्टे के लिए न्यायालय में केस लगाते हुए चर्च की तरफ से न्यायालय में शासकीय कार्रवाई रोकने के लिए निषेधाज्ञा की मांग करते हुए कोर्ट में वाद प्रस्तुत किया था।तब न्यायालय ने निषेधाज्ञा देने से मना कर दिया।

बता दें कि शहर के मुख्य चौराहे पर स्थित इस जमीन की कीमत करोड़ों रुपए में हैं।सुनवाई के बाद जिला प्रधान न्यायाधीश ने दावे को खारिज करते हुए स्टे देने से इनकार कर दिया था।कोर्ट ने कहा था कि मिशनरी अपनी तरफ से कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर पाए।तब प्रशासन ने कार्यवाहीं करते हुए इस भूमि को अपने कब्जे में लिया।