Administrative Reshuffle in MP Soon: कई ACS-PS,3 कमिश्नर और करीब 20 कलेक्टरों के बदलने की चर्चा ! भोपाल कमिश्नर केंद्रीय प्रति नियुक्ति पर दिल्ली जाएंगे!

बड़े स्तर पर प्रशासनिक फेरबदल की तैयारी, अब कभी भी हो सकते हैं आदेश! 

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Administrative Reshuffle in MP Soon: कई ACS-PS,3 कमिश्नर और करीब 20 कलेक्टरों के बदलने की चर्चा ! भोपाल कमिश्नर केंद्रीय प्रति नियुक्ति पर दिल्ली जाएंगे!

Bhopal : मध्य प्रदेश सरकार अब सभी जरूरी कामकाज से फ्री हो गई। लोकसभा चुनाव हो गए, विधानसभा का बजट सत्र निपट गया, अमरवाड़ा उपचुनाव भी भाजपा ने जीत लिया। अब जो काम बचा है, वो है प्रशासनिक फेरबदल का।

कयास लगाए जा रहे हैं कि कोई डेढ़ दर्जन से अधिक जिलों के कलेक्टरों को बदला जा सकता है। जानकारी के मुताबिक, इस बारे में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की मुख्य सचिव वीरा राणा और अपर मुख्य सचिव (मुख्यमंत्री) डॉ राजेश राजोरा से मीटिंग भी हो गई है। माना जा रहा है कि जिन जिलों के कलेक्टरों को बदला जाना है, उनकी लिस्ट को लगभग अंतिम रूप दे दिया गया है। फिलहाल इस लिस्ट में प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश के चारों महत्वपूर्ण और बड़े जिलों के कलेक्टरों को टच नहीं किया जा रहा है।

इस फेरबदल में करीब 20 जिलों के कलेक्टर बदलने की चर्चा प्रशासनिक गलियारों में हो रही है। उन कलेक्टरों के नाम लगभग तय माने जा रहे हैं, जिनकी पदस्थापना पिछली शिवराज सरकार के समय हुई थी। इसके अलावा उन अधिकारियों के नाम भी हैं, जिन्होंने दो-तीन जिलों की कलेक्टरी कर ली और उन्हें एक ही पद पर रहते लम्बा समय हो गया। यह भी बताया गया है कि प्रमोटी IAS अधिकारियों को जिलों से हटाकर मंत्रालय में पदस्थ किया जाएगा। उनकी जगह युवा IAS अधिकारियों को मौका दिया जाएगा।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भोपाल सहित तीन संभागों में नए कमिश्नर पदस्थ किए जाएंगे। भोपाल के कमिश्नर डॉक्टर पवन शर्मा केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली जा रहे हैं। पता चला है कि फाइल पर मुख्यमंत्री ने भी सहमति व्यक्त कर दी है।

शहडोल कमिश्नर के रिक्त पद पर भी पदस्थापना होना है। अनुमान है कि 2009 बैच के किसी प्रमोटी IAS अधिकारी जिन्हें जनवरी 2025 में सुपर टाइम मिलना है, उनमें से किसी को शहडोल में पदस्थ किया जा सकता है। चंबल कमिश्नर को हटाए जाने के भी आसार हैं।

मंत्रालय में ACS – PS के विभागों में भी फेरबदल हो सकता है। ऐसे मंत्री जिनकी अपने विभागों के ACS – PS और सचिवों से पटरी नहीं बैठ रही, वे भी बदले जाएंगे। जो मंत्री अपने विभाग के प्रमुख बदलना चाहते है, वह जानकारी भी मुख्यमंत्री के पास पहुंच गई है। यह देखना दिलचस्प होगा कि मुख्यमंत्री इनमें से किन मंत्रियों की बात पर अपनी मोहर लगाते हैं।

*इन जिलों के कलेक्टर बदले जाने की चर्चा* 

ताजा फेरबदल में जिन जिलों के कलेक्टरों के नाम चर्चा में हैं, उनमें शिवपुरी के रविंद्र चौधरी, भिंड के संजीव श्रीवास्तव, रीवा की प्रतिभा पाल, अलीराजपुर के अभय बेडेकर, राजगढ़ के हर्ष दीक्षित, सीहोर के प्रवीण सिंह, नीमच के दिनेश जैन, धार के प्रियंक मिश्रा, खंडवा के अनूप कुमार सिंह, देवास के ऋषभ गुप्ता, बुरहानपुर की भव्या मित्तल, नरसिंहपुर की शीतला पटले, कटनी के अवि प्रसाद, सतना के अनुराग वर्मा, छतरपुर के संदीप जी आर, सागर के दीपक आर्य, डिंडोरी के विकास मिश्रा आदि शामिल है। बताया जा रहा कि कुछ जिलों के कलेक्टरों को बड़े जिलों में पदस्थ किया जाएगा और कुछ मंत्रालय में भेजे जाएंगे।

*2015 बैच के अफसरों को मौका*

जानकारी के अनुसार इन कलेक्टरों के स्थान पर 2015 बैच के सीधी भर्ती के 11 IAS अधिकारियों को प्राथमिकता से मौका दिया जा सकता है। इस बैच की पहले नंबर की IAS अधिकारी संस्कृति जैन को पहले ही कलेक्टर बनाया जा चुका है। इसी के साथ 2011, 2012, 2013 और 2014 बैच के प्रमोटी आईएएस अधिकारियों को भी मौका मिलने की संभावना है। इस बदलाव में उन अधिकारियों को भी मौका मिलने के आसार हैं, जिनको अभी तक कलेक्टरी की कमान नहीं मिली। इनमें 2012 बैच के केदार सिंह, विवेक श्रोत्रिय, राजेश उगारे आदि शामिल हैं। इसी के साथ पहले कुछ जिलों के कलेक्टर रहे उनका चांस भी लग सकते है। इनमें उमाशंकर भार्गव, गौतम सिंह, किशोर कान्याल और ऋषि गर्ग जैसे कुछ अधिकारियों के नाम हैं।

*पसंद और नापसंद भी पूछी गई*

मंत्रियों के साथ अब सांसदों और विधायकों से भी उनके क्षेत्र के लिए पसंद पूछी जा रही है। चुनाव में बेहतर काम करने वाले और छोटे जिलों में रहकर नवाचार करने वाले, सरकारी योजनाओं, नीतियों के क्रियान्वयन, उन्हें जमीनी स्तर पर धरातल पर उतारने, अमलीजामा पहनाने में अच्छा काम कर रहे मैदानी अफसरों की मुख्यमंत्री सचिवालय के स्तर पर मॉनिटरिंग की जा रही है। भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने और लोगों को राहत देने वाले काम करने वाले कलेक्टर के काम पर भी सरकार की नजर है। ऐसे कलेक्टरों को बड़े जिले में पदस्थ किया जा सकता है।