अधिवक्ता संघ बैठा अनिश्चितकालीन हड़ताल पर

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छतरपुर से राजेश चौरसिया की रिपोर्ट

“तहसील छतरपुर में व्यापक भ्रष्टाचार अनियमितताओं एवं दलाली प्रथा के विरुद्ध तहसील अधिवक्ता संघ बैठे धरना पर..”

छतरपुर: तहसील अधिवक्ता संघ का आरोप है कि कई वर्षों से पेंडिंग पड़े है प्रकारण और नहीं हो रहे नामांतरण और दलाली प्रथा सक्रिय है जिससे अधिवक्ताओं को कार्य करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है और छतरपुर तहसील का शासकीय रिकॉर्ड फोटोकॉपी के लिए बाहर जाता है।

जिसकी व्यवस्था तहसील में अंदर होनी चाहिए शासकीय रिकॉर्ड बाहर जाने के कारण गुमी भी हो जाता है फिर ढूंढने में दिक्कत आती है और प्रकारणों में 1943-44 की नकल मांगी जाती है।

जो पूरे म.प्र में केवल छतरपुर तहसील में ही मांगी जाती है। जिसमें रिकॉर्ड की नकल ग्राम बगौता एवं छतरपुर मौजा पर ही स्वेच्छाचारी नियम लागू किये हुए है। बात करने पर वकीलों से अधिकारियों द्वारा सही वार्तालाप नहीं किया जाता।

हड़ताल पर बैठे- यूनिस खान, नरेंद्र खरे, राम सुफ़ल पाठक, अरुण सक्सेना, बी.डी. गुप्ता, सतीश अग्रवाल, बाल स्वरूप शुक्ला, आर.एस. चतुर्वेदी, आलोक मिश्रा, नरेंद्र चतुर्वेदी, रोमी मिश्रा, उपकरण पटेल,भतेन्दु निगम, एस.एन. त्रिपाठी, संजय श्रीवास्तव, राजेन्द्र अहिरवार, मु. शाकिर, एल.पी. कुशवाहा, वीर सिंह यादव, एल.पी. नामदेव, संतोष नामदेव, ब्रजेश पटेरिया, सुनील दुबेदी, विनोद पाठक, के.के. मिश्रा, भगीरथ पटेल, आदि तहसील अधिवक्ता संघ अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हैं।