भोपाल। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव ने उन सभी कयासों को नकार दिया, जो उनके खंडवा लोकसभा उपचुनाव की उम्मीदवारी से हटने के बाद लगाए जा रहे थे। कहा जा रहा था कि वे भी सुलोचना रावत की तरह BJP में जा सकते हैं, पर ये आशंकाएं गलत साबित हुई।
अरुण यादव ने अपने ताजा बयान से अपने विरोधियों को जरूर घेर दिया। उन्होंने कहा कि जो लोग बोलते हैं, कि गांधी परिवार को ही कांग्रेस का नेतृत्व क्यों करना चाहिए वे सब लोग आंखें खोल कर देख लें कि संघर्ष के वक्त राहुल और प्रियंका ही सबसे आगे रहते हैं। तीन दिन तक उत्तर प्रदेश सरकार की कैद में रहने के बाद भी प्रियंका गांधी ने हिम्मत नहीं हारी! यह सब उन सबके लिए करारा तमाचा है, जो गांधी परिवार के नेतृत्व पर सवाल उठाते हैं।
अरुण यादव को राहुल गांधी का करीबी माना जाता है। लेकिन, लोकसभा उपचुनाव का टिकट न मिलने या टिकट से इंकार के बाद वे नए रूप में नज़र आ रहे हैं। समझा जा रहा है कि अरुण यादव का यह बयान कांग्रेस के प्रति उनके सकारात्मक सोच को दर्शाता है और उन विरोधियों पर करारा तमाचा है जो पार्टी के प्रति उनकी निष्ठा पर उंगलियां उठाते हैं।
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