Agriculture Minister’s Anger : देवास के थाने में कृषि मंत्री भड़के, थाने को सस्पेंड करने की धमकी!  

कमल पटेल न तो गृह मंत्री न देवास के प्रभारी, फिर भी पुलिस को धमकाया!

2692

Agriculture Minister’s Anger : देवास के थाने में कृषि मंत्री भड़के, थाने को सस्पेंड करने की धमकी!  

Dewas : प्रदेश सरकार के कुछ मंत्रियों को अपनी मर्यादा और अधिकार से बाहर निकलकर बयानबाजी करने और धमकाने की आदत सी पड़ गई है। कमल पटेल कृषि मंत्री हैं और खरगोन के प्रभारी मंत्री हैं। उनका देवास या पुलिस थानों से कोई सरोकार नहीं है। वे न तो मुख्यमंत्री या गृह मंत्री की तरह पुलिसवालों को डांट सकते हैं और न सीधे कोई आदेश दे सकते हैं। लेकिन, कमल पटेल ने वो सब किया जो उन्हें करने का कोई अधिकार नहीं है!

देखिए वीडियो-

कृषि मंत्री कमल पटेल का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। वीडियो में कृषि मंत्री देवास जिले के सतवास थाने पहुंचकर वहां के प्रभारी अमित जादौन और दूसरे पुलिसवालों को जमकर फटकार रहे हैं। वे सिर्फ फटकार ही नहीं रहे धौंस भी दे रहे हैं कि पूरा थाना सस्पेंड कर दूंगा, सबको बर्खास्त कर दूंगा। तुमको शर्म नहीं आती, सरकार की छवि ख़राब करते हो! उन्होंने थाना प्रभारी को सीधे शब्दों में धमकी दी और बिना जवाब सुने अपनी गाड़ी में बैठकर चले गए।

मामला सिर्फ ये था कि कृषि मंत्री कमल पटेल कहीं जा रहे थे। उसी दौरान सतवास के रास्ते में उन्हें लोगों ने रोककर सडक़ पर खड़े एक डंपर के कारण हो रही परेशानी के बारे में बताया। क्योंकि, डंपर ख़राब हो गया था और सडक़ पर खड़े रहने के कारण आए दूसरे वाहन उससे टकरा रहे थे। लोगों की शिकायत पर कृषि मंत्री आग बबूला हो गए और लोगों की बात सुनकर तुरंत एक्शन लिया, सीधे थाने पहुंचे और सारा रुतबा पुलिसवालों को दिखाया।

ये घटना बीती रात की है। खराब डंफर के खड़े होने की सूचना मिलने पर कृषि मंत्री सतवास पुलिस थाने पहुंचे और उखड पड़े। वे थाना प्रभारी अमित जादौन से बोले तुम लोग सरकार की छवि खराब करते हो, पूरा थाना सस्पेंड, बर्खास्त, नौकरी लायक नहीं हो तुम, तुमको जेल भेजना चाहिए, एफआईआर होगी, शर्म आना चाहिए तुमको, 5 दिन से सडक़ पर डंफर खड़ा है, एक्सीडेंट हो रहे हैं। उनकी बात सुनकर थाना प्रभारी भी जवाब दे रहे थे। लेकिन कृषि मंत्री इतने भडक़े हुए थे कि वे कोई बात सुनने को तैयार नहीं थे। गुस्से में ही गाड़ी में बैठे और बोलते हुए चले गए।

वन मंत्री भी भड़के थे, पर हुआ कुछ नहीं

कुछ दिनों पहले खंडवा में मुख्यमंत्री के एक कार्यक्रम में वन मंत्री विजय शाह के नेता बेटे ने मंच पर चढ़ने की कोशिश की थी। वहां मौजूद पुलिस वालों ने रोकना चाहा तो वो रुका नहीं। इसके बाद वहां नए पदस्थ एसपी ने उसे रोका और ये जानकारी मिलने पर कि ये मंत्री बेटा है उसे आने दिया। लेकिन, इस बात का विजय शाह ने बतंगड़ बना दिया। उन्होंने सीधे धमकी दी थी, कि इस एसपी को खंडवा में रहने नहीं दूंगा। इसका तबादला करवा दूंगा। दूसरे दिन मंत्री ने बेटे ने प्रदर्शन भी किया। लेकिन, हुआ कुछ नहीं हुआ और एसपी वहीँ पदस्थ हैं।

ऐसे में यह देखना होगा कि क्या कमल पटेल के आदेशानुसार थाना प्रभारी सहित पूरे थाने को बर्खास्त कर दिया जाएगा? या जिस तरह मंत्री विजय शाह की मांग सरकार ने पूरी नहीं की उसी तरह कमल पटेल की मांग को भी अनदेखा किया जाएगा?