AI is Effective in Cancer Treatment : कैंसर के इलाज में AI तकनीक का प्रयोग क्रांतिकारी, भविष्य में इसी से इलाज होगा!

'इनोवेशन इन ऑन्कोलॉजी 2024 एंड बियोंड' कॉन्फ्रेंस का समापन!

273

AI is Effective in Cancer Treatment : कैंसर के इलाज में AI तकनीक का प्रयोग क्रांतिकारी, भविष्य में इसी से इलाज होगा!

Indore : एडवांस ट्रीटमेंट, मेडिसिन और थैरेपी की वजह से अब कैंसर आम बीमारी जैसे ब्लड प्रेशर, डायबीटीज, की तरह हो गया। एक क्रॉनिक डिसीज की तरह कैंसर के मरीज भी जीवनभर कुछ मेडिसिन लेकर एक सामान्य जीवन जी सकते हैं। उन्हें देखकर कोई नहीं कह सकता की वे कैंसर पीड़ित हैं। इससे अच्छा रिवॉर्ड कैंसर के मरीजों के लिए कुछ नहीं हो सकता।

यह बात भोपाल से आए मेडिकल अंकोलॉजिस्ट डॉ श्याम अग्रवाल ने कैंसर रिसर्च एंड स्टेटिक्स फाउंडेशन के सहयोग से आयोजित ‘इनोवेशन इन ऑन्कोलॉजी 2024 एंड बियोंड’ थीम पर दो दिन की कान्फ्रेस के समापन के दौरान कहीं। कॉन्फ्रेंस में अमेरिका से आए डॉ इस्तेवान पेटाक ने कैंसर के इलाज में एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) के क्रांतिकारी प्रयोग के बारे में जानकारी दी। कॉन्फ्रेंस के कन्विनियर डॉ राकेश तारन ने बताया कि इंदौर मे भी 90 ℅ तक कैंसर का ट्रीटमेंट उपलब्ध है। जरूरत है तो अधिक जगरूकता की जो पहले की तुलना मे बड़ी है और अब कैंसर अर्ली स्टेज मे डिटेक्ट हो रहा है।

इलाज में AI करेगा मदद

डॉ इस्तेवान ने बताया 2039 में हम क्लिनिकल ट्रायल में दवाओं की तुलना नहीं कर रहे होंगे। हम एआई द्वारा बनाई सही चिकित्सा एल्गोरिदम प्रणाली की तुलना कर रहे होंगे। जिससे मरीज़ को सही तकनीक से असरदार दवाएं दी जा सकें। आने वाला समय एआई का है। 733 प्रकार के कैंसर जीन में से हर मरीज में अलग अलग जीन कांबिनेशन होता है। मरीज में किस जीन का कॉन्बिनेशन है, इसे पहचानने में अब एआई हमारी मदद करेगा, जिससे इलाज बेहतर होगा। एआई में 10 हजार केस स्टडी और 34000 एल्गोरिदम बनाई गई है। जिससे कैंसर का इलाज सटिक किया जा सकेगा। डॉ इस्तेवान ने कहा कैंसर के ईलाज में हम पूरी तरह से सफल अभी नहीं हुए हैं। लेकिन, आने वाले समय में अच्छा इलाज संभव है। क्योंकि कई देशों में कैंसर मृत्यु दर में कमी आई है। टारगेट मॉलिक्यूल पर टारगेट थेरेपी कैंसर के इलाज में बहुत अच्छे परिणाम प्रस्तुत कर रहे है, अब हम जिस मॉलिक्यूल के कारण कैंसर हो रहा है उसका इलाज करने लगे हैं।

IMG 20240206 WA0015 1

एक्सरसाइज से खतरा आधा 

डॉ इस्तेवान ने बताया स्टडी बताती है कि सप्ताह के 5 दिन आधा घंटा एक्सरसाइज करने वालों में कैंसर का खतरा 50% काम हो जाता है। एक्सरसाइज के दौरान शरीर में मसल्स द्वारा एक ऐसा केमिकल प्रोड्यूस होता है जो कि कैंसर सेल की ग्रोथ को रोकता है। वही फूड हैबिट में कार्बोहाइड्रेट और मीट जैसी चीजों का सेवन करने से इन्सुलिन लेवल बढ़ता है। जो कैंसर का खतरा बन सकता है, रिसर्च कहती है शरीर में इन्सुलिन लेवल की अधिकता कैंसर होने की संभावना को बढ़ाती है। इसलिए ऐसे खाने का सेवन करना चाहिए जिसे पचाने में काम से कम समय लगे।

कीमोथैरेपी ट्रीटमेंट फ्री होने लगा 

डॉ अग्रवाल ने बताया कि 30 साल के प्रोफेशन में मुझे दो तरह के पेटर्न देखने को मिले, पहला जो बीमारी पहले सिर्फ बुजुर्गों में देखने मिलती थी वो अब युवाओं में देखी जा रही है। दूसरा पेटर्न है दवाइयों मे अब मेडिसिन कारगर और इफेक्टिव हो गई। पहले कैंसर के इलाज में कीमोथेरेपी जरूरी थी, लेकिन अब कीमोथेरेपी फ्री होने लगी है। जिसमें इम्यूनोथेरेपी और टार्गेट थेरेपी जिसे पर्सनलाइजड ट्रीटमेंट दे रहे हैं। जैसे यदि किसी को ब्रेस्ट कैंसर है, तो इसमें भी अगर ईआरपीआर पॉजिटिव है, तो मरीज को कोई कीमो लेने की जरूरत नहीं। उसे सिर्फ एक टेबलैट ही लेना है। यानि कैंसर का लाईलाज है ये शब्द अब डिलीट कर दीजिए, कैंसर का ईलाज है और काफी कारगर ईलाज है। नए ट्रीटमेंट की वजह से कैंसर की क्योर रेट 50℅ से ज्यादा हो गई।

नया वैक्सीन ज्यादा कारगर

सीनियर मेडिकल अंकोलॉजिस्ट डॉ एसपी श्रीवास्तव ने बताया कि अब भारत में सर्वाइकल कैंसर, गले के कैंसर, एनल केनाल के कैंसर और स्किन कैंसर से बचाव के लिए एक नया वैक्सीन आया है। जिसे महिला-पुरुषों को लगवाना चाहिए, सभी बच्चों को नौ साल की उम्र से पहले या नौ से 36 साल की उम्र के बीच में इस वैक्सीन को लगवाना चाहिए। यदि आप चाहें तो 4-5 लोगों के ग्रुप में ये वैक्सीन लिया जा सकता है, जो सस्ता भी होगा और इन सभी बीमारियों से बचाव भी संभव होगा।