उत्तर प्रदेश की मंडी में सत्ता की सवारी का अखिलेशी ऑफर…!

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उत्तर प्रदेश की मंडी में सत्ता की सवारी का अखिलेशी ऑफर…!

‘संविधान बचाओ’ के नाम पर अभी-अभी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को दस साल बाद नेता प्रतिपक्ष का गौरव हासिल हो गया है। इसमें मोदी की उम्मीदों की सबसे ज्यादा फजीहत उत्तर प्रदेश में हुई थी। और इसमें पूरा शेयर सपा और अखिलेश यादव का था। और उन्हीं सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर की गई एक पोस्ट ने अब सबसे ज्यादा हलचल मचा दी है। इसमें उन्होंने खुला मानसून ऑफर दिया है कि 100 विधायक लेकर आओ… मुख्यमंत्री बनने के लिए सपा समर्थन देगी। उत्तर प्रदेश में भाजपा के अंदरखाने मची हलचल ने अखिलेश यादव का मनोबल बढ़ा दिया है और वह संविधान की किताब को अलमारी में रखकर बाजार में खड़े होकर संविधान बचाने का फर्ज निभा रहे हैं। इसमें अब वह यह भूल गए हैं कि ये जो मतदाता है वह मौन रहकर भी पूरा खेल कर देता है। जिसका ट्रेलर हाल के लोकसभा चुनाव में मतदाताओं ने बखूबी दिखा दिया है। फिर उत्तर प्रदेश की मंडी में सत्ता पर सवारी करने का खुला ऑफर देने के उनके किरदार को आखिर कितना सराहा जाएगा। या फिर यह माना जाए कि पिछले सालों में ‘महाराष्ट्र एपिसोड’ पर अखिलेश यादव तंज कसने यह रंग दिखा रहे हैं। पर लगता यही है कि न अब उत्तर प्रदेश में ही अब परीक्षा देने के लिए मजबूर है। और परीक्षा लेने पर वही उतारू है, जो कल तक उसका असल रक्षक नजर आ रहा था। हालांकि संविधान का कलेजा बहुत मजबूत है और उसने रक्षक के भक्षक बनने और भक्षक के रक्षक बनने के अनगिनत वीडियो अपनी परमानेंट गैलरी में सहेज कर रखे हैं। फिर भी उसे गिला-शिकवा किसी से नहीं है।

तो सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर अखिलेश यादव के एक कमेंट ने उत्तर प्रदेश का सियासी पारा बढ़ा दिया है। भाजपा में चल रही राजनीतिक चर्चाओं के बीच सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कहा, मानसून ऑफर है। 100 लाओ और सरकार बनाओ। सूत्रों के अनुसार, अगर भाजपा में कोई भी नेता 100 विधायकों का समर्थन जुटा लेता है, तो सपा मुख्यमंत्री पद के लिए उसे समर्थन दे सकती है। इसे आफर को उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से जोड़कर देखा जा रहा है। पर यह ऑफर उन सभी को दिया गया है, जिसमें मुख्यमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा मानसून में हिलोरें मार रही हो और उफन-उफन जाने को मचल रही हों। तो मानसून ऑफ़र: सौ लाओ, सरकार बनाओ! तरह-तरह की राजनीतिक चर्चाओं के बीच दिल्ली से केशव के लखनऊ लौटने पर अखिलेश ने कटाक्ष किया है, लौट के बुद्धू घर को आए। तो केशव प्रसाद मौर्य ने भी सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर एक्स के जरिये हमला बोलते हुए उन्हें ‘सपा बहादुर’ की संज्ञा दे दी। उन्होंने कहा था कि यूपी और केंद्र दोनों ही जगह मजबूत सरकार है। वर्ष 2017 की तरह 2027 में भी हम यूपी में सरकार बनाएंगे। पर अखिलेश शायद कभी यह ऑफर भी दे सकते हैं कि एक नहीं तो दो,तीन या चार मिलकर भी सौ ला सकते हैं और मुख्यमंत्री बनने की मियाद का प्रावधान भी कर सकते हैं। सपा तो बस उनकी महत्वाकांक्षा पूरी करने निस्वार्थ भाव से साथ देने को तैयार है। हां वह योग और योगी जैसे शब्दों से प्यार करते हैं या नहीं, इस पर भ्रम बना हुआ है।

खैर कभी भी कुछ भी हो जाए, उसे संविधान के दायरे में लाने की कला में सब माहिर हैं। पर संविधान की मजबूरी है कि दूसरे लोग उसके नाम पर कोहराम मचा सकते हैं, पर वह खुद अपना पक्ष नहीं रख सकता। चाहे उत्तर प्रदेश की मंडी में सत्ता पर सट्टा लगे या फिर संविधान के नाम पर किसी को सत्ता मिले, हर दृश्य को संविधान बस अपनी निगाहों में कैद ही कर सकता है।उत्तर प्रदेश की मंडी में सत्ता की सवारी का यह अखिलेशी ऑफर वर्तमान परिदृश्य में बड़ा दिलचस्प जरूर है.

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