Akshay & Kanti not Free from Case : अक्षय बम पर चलेगा हत्या के प्रयास का केस, जिला कोर्ट का आदेश हाईकोर्ट में छुपाना महंगा पड़ा!

जानिए, क्या था मामला जिसमें अदालत ने सच्चाई छुपाना गलत माना!

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Akshay & Kanti not Free from Case : अक्षय बम पर चलेगा हत्या के प्रयास का केस, जिला कोर्ट का आदेश हाईकोर्ट में छुपाना महंगा पड़ा!

 

Indore : लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस उम्मीदवार बनाए जाने के बाद भाजपा में शामिल हुए अक्षय कांति बम, उसके पिता कांतिलाल बम और साथी मनोज गुर्जर पर हत्या के प्रयास का मामला कोर्ट में चलेगा। जिला कोर्ट के एक साल पुराने आदेश को हाईकोर्ट मेंं छिपाया था, जिससे उनकी केस नहीं चलने की याचिका निरस्त हो गई थी। गुरुवार को जिला कोर्ट ने हत्या के प्रयास की धारा 307 और अन्य में अक्षय, पिता कांतिलाल बम पर चार्ज फ्रेम तय हो गए हैं।

बम जिला कोर्ट से चार्ज फ्रेम होने तथा ट्रायल शुरू करने के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट गए थे। इनकी ओर से 24 अप्रैल 2024 को न्यायाधीश निधि श्रीवास्तव की कोर्ट से धारा 307 लगाने के खिलाफ याचिका दायर हुई। इसमें बम की ओर से अपील की गई थी कि इस आदेश को रद्द किया जाए। लेकिन, उन्होंने इस दौरान डिवीजन बैंच का आदेश हाईकोर्ट में छिपा लिया। जिला न्यायाधीश के आदेश के खिलाफ उन्होंने रिवीजन लगाई थी, वह भी पूर्व में खारिज हो चुकी थी, इसे भी उच्च न्यायालय में नहीं बताया था।

मामले में अक्षय के खिलाफ केस करने वाले याचिकाकर्ता युनूस पटेल के अधिवक्ता मुकेश कुमावत ने इसका खुलासा कोर्ट में कर दिया। कुमावत ने तर्क दिए कि बम की याचिका मेंटेनेबल ही नहीं है। क्योंकि, इसमें उनके द्वारा रिवीजन बैंच का आदेश ही नहीं बताया। इस खुलासे के बाद बम के अधिवक्ता ने याचिका विड्रा करने और नए सिरे से दाखिल करने की छूट मांगी, लेकिन कोर्ट ने इसे अस्वीकार कर दिया।

यह था मामला

खजराना स्थित जमीन को लेकर अक्षय, उसके पिता कांतिलाल बम और अन्य लोगों ने 4 अक्टूबर 2007 को जान से मारने की नीयत से युनूस पटेल पर फायर किया था। मामले में राजनीतिक दबाव के चलते पुलिस ने सामान्य धाराओं में केस दर्ज किया। फरियादी पटेल ने पुलिस की मनमानी के खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर की थी। इसके बाद कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने सामान्य धाराओं को हटाकर प्राणघातक हमले की धाराएं लगाई थी।