Alcohol from Hand Pump : हैंडपंप से निकल रही शराब, पुलिस भी हैरान!
Guna : अवैध शराब बनाने वाले माफियाओं के सोच का कोई अंत नहीं! वे अपने इस अवैध धंधे के लिए कुछ भी कर सकती हैं। गुना जिले के एक गांव में शराब माफियाओं ने जमीन के अंदर टंकी गाड़कर उसमे कच्ची शराब को छुपा रखा था। जब जरुरत होती, वे हैंडपंप चलाकर शराब निकाल लेते! जब पुलिस ने छापा मारा तो वे भी दंग रह गए। अवैध रूप से शराब का कारोबार करने वाले माफियाओ के खिलाफ गुना पुलिस ने यह बड़ी कार्यवाही की। पुलिस ने अवैध शराब के ठिकानों से 6 हज़ार लीटर लहान जब्त कर लिया। पुलिस ने कार्रवाई कर 6 लोगों पर केस दर्ज किया, पर कोई हाथ नहीं आया।
शराब माफियाओं ने जमीन के अंदर टंकियां गाड़कर उसमें अवैध रूप से बनाई कच्ची शराब बनाकर छुपा दी। माफिया हैंडपंप से कच्ची शराब निकालकर इसकी सप्लाई किया करते थे। यह मामला गुना जिले के भानपुरा का है। पुलिस ने सोमवार को अवैध शराब के 2 ठिकानों पर छापा मारा। इस दौरान हजारों लीटर कच्ची शराब जब्त की गई। हालांकि, आरोपी भाग निकले। लेकिन, पुलिस ने 8 आरोपियों की पहचान कर ली।
चांचौड़ा इलाके के भानपुरा गांव में यहां अधिकतर कंजर समुदाय के लोग रहते हैं। इस गांव का लगभग हर परिवार कच्ची शराब बनाने का काम करता है। इन्होंने जगह-जगह कच्ची शराब की भटि्टयां लगा रखी हैं। इसी तरह राघौगढ़ इलाके का साकोन्या गांव में भी बड़ी मात्रा में कच्ची शराब बनाई जाती है। ये दोनों गांव जंगल इलाके में हैं, इसलिए यह जगह कच्ची शराब बनाने के लिए मुख्य केंद्र बनी हुई हैं। जंगल होने का फायदा पुलिस की दबिश के दौरान भी मिलता है और आरोपी फायदा उठाकर घने जंगलों में भाग जाते हैं।
भानपुरा में चांचौड़ा एसडीओपी दिव्य और साकोन्या में राघौगढ़ एसडीओपी के नेतृत्व में टीम ने एक साथ छापा मारा। लेकिन, पुलिस को देखते ही आरोपी भाग निकले। सर्चिंग के दौरान जमीन में अंदर शराब के ड्रम मिले। यहां कच्चे झोपड़ीनुमा घर बने हुए थे। पास में पानी का पक्का टैंक बना हुआ था। पुलिस ने खुदाई शुरू की तो कई ड्रम जमीन से निकलते गए।
वहीं चांचौड़ा थाना प्रभारी रवि कुमार गुप्ता ने बताया कि टंकियों से कुछ दूरी पर एक हैंडपंप लगा था। इसी हैंडपंप से जमीन में गड़े हुए ड्रम से आरोपी शराब निकालते थे। फिर उन्हें छोटी थैलियों में भरकर बेचते हैं। एक छोटी थैली की कीमत लगभग 40 रुपए होती है। उन्होंने बताया कि शराब निकालने के लिए हैंडपंप का ही इस्तेमाल किया जाता है। इसमें नीचे एक 8-10 फीट का पाइप जुड़ा हुआ होता है। पाइप को जमीन में अंदर गड़े हुए ड्रम में लगा देते हैं। वहीं, दूसरे पाइप को बाहर रखे अलग ड्रम में लगाकर उसमें शराब भर देते हैं।
दोनों गांव में पिछले एक साल में पुलिस ने 4-5 बार कार्रवाई की है। इसके बाद भी आरोपी भाग निकलते हैं। पुलिस के हाथ कोई आरोपी नहीं आता। गांव में केवल महिलाएं ही मिलती। हर बार पुलिस लहान और शराब बनाने के उपकरण नष्ट कर देती, लेकिन कुछ महीनों में ही पूरा सेटअप फिर से लगा लिया जाता। पुलिस ने इस बार भी मामला दर्ज कर लिया है।