Alien Signal Decode : मंगल ग्रह से मिले एलियन संदेश को पिता और बेटी ने डिकोड किया!
New York : पिछले साल मई में मंगल का चक्कर लगा रहे यूरोपियन स्पेस एजेंसी के सैटेलाइट ने अंतरिक्ष में मिला एक सिग्नल धरती पर भेजा। इसके बाद इस सिग्नल को डिकोड करने के लिए कॉम्पीटिशन रखा गया। इसका राज खोला अमेरिकी बेटी-पिता की टीम ने। इस काम में साल भर लग गया, लेकिन अब एलियन सिग्नल डिकोड हो गया है।
साल भर की मेहनत के बाद अमेरिकी पिता-बेटी की टीम ने वो एलियन सिग्नल डिकोड कर लिया है, जिसे मंगल ग्रह से भेजा गया था। इन दोनों का नाम है केन शैफिन और केली शैफिन. इस सिग्नल को पिछले साल मई में यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ESA) के एक्सोमार्स ट्रेस गैस ऑर्बिटर (TGO) ने मंगल से रिसीव करके धरती पर भेजा था।
इस सिग्नल को डिकोड करने के लिए SETI Institute, Green Bank Observatory, ESA और INAF ने मिलकर एक सिटिजन साइंटिस्ट कॉम्पीटिशन रखा। धरती पर मौजूद तीन रेडियो एस्ट्रोनॉमी ऑब्जरवेटरी ने इस संदेश को पकड़ा, फिर उसे डिकोड किया गया। दस दिन बाद दुनिया भर से पांच हजार से ज्यादा सिटटीजन साइंटिस्ट इस सिग्नल को और डिकोड करने में लग गए। ये सभी ऑनलाइन ये काम कर रहे थे।
इस कोड का खुलासा किसने किया
अमेरिका के केन और केली शैफिन ने इस सिग्नल को डिकोड किया। जिसमें सफेद डॉट्स और लाइन्स के पांच झुंड थे, जिनका बैकग्राउंड काला था। ये कोशिका के बनने की तरफ इशारा कर रहे थे, यानी जीवन के निर्माण की ओर। केन और केली ने बताया कि हमारे डिकोडेड मैसेज में पांच अमीनो एसिड्स हैं, जो ब्रह्मांड में जीवन निर्माण करते हैं। ये सभी जैविक मॉलीक्यूलर डायग्राम हैं। यानी लाइफ देने वाले अमीनो एसिड्स के डायग्राम।
इन ब्लॉक्स में 1,6, 7, 8 पिक्सेल के एटॉमिक नंबर मिलेंगे, यानी हाइड्रोजन, कार्बन, नाइट्रोजन और ऑक्सीजन। सिंगल और डबल बॉन्ड्स से इन डायग्राम में लाइन्स बनी हैं। जैसे आम एटॉमिक डायग्राम में होती हैं. डॉट्स उन्हें जोड़ने का काम करते हैं।
अब आगे क्या, सिग्नल तो डिकोड हो गया
केन और कैली ने सिग्नल को डिकोड कर लिया, लेकिन अब भी सिटीजन साइंटिस्ट इसे समझने में लगे है। प्रतियोगिता अब भी चल रही है. अब अगला मकसद है इस डिकोडेड संदेश का अर्थ क्या है, वो समझने का। अब शैफिन परिवार अलग से कुछ टेस्ट करेगा. ताकि इसके पीछे छिपे संदेश को भी समझा जा सके।