Alimony Claim Canceled : बैंक खाते का उल्लेख नहीं किया तो फैमिली कोर्ट ने गुजारा भत्ता दावा कैंसिल किया!
Indore : कुटुम्ब न्यायालय ने एक महिला का अपने पति से गुजारा भत्ता हासिल करने का दावा इस आधार पर खारिज कर दिया है कि उसने अपने बैंक खाते और आय का स्पष्ट ब्योरा अदालत में पेश नहीं किया। 28 साल की बीकॉम तक शिक्षित महिला ने अपने ट्रैवल एजेंट पति से अपनी और 3 साल की बेटी के भरण-पोषण के लिए 50 हजार रुपए महीना गुजारा भत्ता मांगा था।
कुटुम्ब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश एनपी सिंह ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद उच्चतम न्यायालय के एक फैसले के आधार पर यह दावा खारिज कर दिया। अदालत ने प्रकरण के तथ्यों पर गौर के बाद अपने आदेश में कहा कि महिला ने अपने हलफनामे में अपने बैंकिंग लेन-देन से जुड़े किसी खाते का उल्लेख नहीं किया। इसलिए लगता है कि वह कोई न कोई काम करके आमदनी हासिल कर रही है। कुटुम्ब न्यायालय ने कहा प्रार्थी महिला आमदनी तो अर्जित कर रही है, लेकिन वह कितनी आमदनी अर्जित कर रही है, उसने इसका खुलासा नहीं किया।
इसलिए यह निर्धारण किया जाना संभव नहीं है कि दम्पति की नाबालिग संतान की परवरिश के लिए वह और प्रतिप्रार्थी महिला का पति कितनी राशि वहन करेंगे। अदालत ने कहा कि महिला अपनी नाबालिग संतान के भरण-पोषण के लिए भी पति से कोई राशि पाने की हकदार नहीं है। क्योंकि, उसके द्वारा अपने बैंक खाते और आय का स्पष्ट खुलासा नहीं किया गया।महिला के पति के वकील जेएस ठाकुर ने बताया कि इस दम्पति का विवाह 2019 में हुआ था और पारिवारिक विवाद के चलते दम्पति 2021 से एक-दूसरे से अलग रह रहे हैं।