राजधानी के बड़े तालाब में फिशिंग कर रहे युवक को मिली Alligator Gar Fish
भोपाल. मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के बड़े तालाब में मगरमच्छ के जैसे जबड़े वाली एलीगेटर गार फिश के मिलने से हड़कंप मच गया है. यह मछली अमेरिका में पाई जाती है. लीगेटर गार एक रे-फिनेड यूरीहैलिन मछली है जो इन्फ्राक्लास होलोस्टी में बोफिन से संबंधित है। यह गार परिवार की सबसे बड़ी प्रजाति है, और उत्तरी अमेरिका में मीठे पानी की सबसे बड़ी मछलियों में से एक है
अब इसे लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं कि यह मछली आई कहां से . एक्सपर्ट को आशंका है कि यह मछली बड़े तालाब का ईको-सिस्टम खराब कर सकती है. वन-विभाग की टीम कई तरीके से इस मछली की जानकारी जुटा रही है. जिला प्रशासन उस शख्स का लाइसेंस जांच रहा है, जिसने इस मछली को पकड़ने का दावा किया है. इस मछली की तस्वीर और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. यह मछली इंसानों पर भी हमला करने से नहीं चूकती.से देखकर मछुआरे हैरान हैं। पहले कभी भी भोपाल के इस तालाब में ऐसी मछली नहीं मिली थी। मछुआरे इस पकड़कर अपने घर ले गए हैं। मछुआरों को यह मछली फिशिंग के दौरान तालाब मिली है। अब पूरे प्रदेश में इस मछली की चर्चा हो गई।लीगेटर गार का शरीर टारपीडो के आकार का होता है, आमतौर पर भूरा या जैतून, हल्के भूरे या पीले रंग की उदर सतह पर लुप्त होता है। बहुत ही दुर्लभ मामलों में, वे काले भी हो सकते हैं. मीठे पानी की सबसे बड़ी मछलियों में से एक है। परिपक्व एलीगेटर गार की लंबाई आमतौर पर 6 फीट (1.8 मीटर) होती है और इसका वजन 100 पौंड (45 किग्रा) से अधिक होता है।
गौरतलब है कि 19 अप्रैल को भोपाल से एक वीडियो वायरल हुआ. इस वीडियो में एक अनोखी मछली दिखाई जा रही थी. जैसे ही ये वीडियो वन विभाग और एक्सपर्ट के पास पहुंचा, वैसे ही हड़कंप मच गया. पता चला कि भोपाल तालाब में पकड़ी गई मछली कोई और नहीं बल्कि एलीगेटर गार फिश है. इसका जबड़ा मगरमच्छ जैसा है. एक्सपर्ट ने बताया कि यह मछली खतरनाक होती है. यह उत्तरी अमेरिका में पाई जाती है.
बड़े तालाब में मिली मछली की लंबाई करीब डेढ़ फीट है. जबकि, यह 12 फीट तक लंबी हो सकती है. वन विभाग के जानकारों के मुताबिक, यह मछली पहली बार मिली है. यह मांसाहारी होती है. अब वन विभाग इस बात की जांच कर रहा है कि उत्तरी अमेरिका में पाई जाने वाली एलीगेटर गार भोपाल के बड़े तालाब तक कैसे पहुंची. क्या इनकी संख्या ज्यादा हो सकती है. और, अगर ऐसा हुआ तो यह मांसाहारी मछली भोपाल के बड़े तालाब के ईको-सिस्टम के लिए खतरा हो सकती है. यह दूसरी प्रजाति की मछलियों को खत्म कर सकती है. एक्सपर्ट बताते हैं कि इस मछली की उम्र 18 से 20 साल तक होती है.