Amarnath Yatra Concludes : ‘छड़ी मुबारक’ के साथ अमरनाथ यात्रा का औपचारिक समापन, सवा 4 लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन किए!

38 दिवसीय अमरनाथ यात्रा की समाप्ति पर सुरक्षा बलों ने राहत की सांस ली, इस बार खतरे का अंदेशा ज्यादा!

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Amarnath Yatra Concludes : ‘छड़ी मुबारक’ के साथ अमरनाथ यात्रा का औपचारिक समापन, सवा 4 लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन किए!

Srinagar : 3 जुलाई से शुरू हुई 38 दिन की अमरनाथ यात्रा का शनिवार को औपचारिक रूप से समापन हो गया। मौसम की खराबी की वजह से वैसे तो यात्रा सप्ताहभर पहले ही रोक दी गई थी। यात्रा के दौरान करीब 4.20 लाख श्रद्धालुओं ने पवित्र हिमलिंग के दर्शन किए। यात्रा के अंतिम दिन करीब 150 श्रद्धालु मौजूद थे, जिनमें अधिकांश सुरक्षा बलों के जवान थे। श्रावण मास के आखिरी दिन ‘छड़ी मुबारक’ की प्रतिष्ठा के साथ इस वर्ष की अमरनाथ यात्रा का विधिवत समापन हुआ। अमरनाथ यात्रा शांतिपूर्ण और सुरक्षित संपन्‍न हो गई, इस कारण प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों ने राहत महसूस की।

महंत दीपेंद्र गिरि के नेतृत्व में शनिवार सुबह सूर्योदय के मुहूर्त पर विशेष पूजा-अर्चना और हिमलिंग के दर्शन संपन्न हुए। श्रद्धालुओं की संख्या में कमी, आतंकी खतरे और प्रतिकूल मौसम की आशंका को देखते हुए प्रशासन ने कुछ दिन पहले ही यात्रा को व्यावहारिक रूप से रोक दिया था। यात्रा के दौरान हुई दुर्घटनाओं में कितनी मौतें हुईं, इसकी आधिकारिक जानकारी अभी सार्वजनिक नहीं की गई।

 

छड़ी मुबारक दशनामी अखाड़े से रवाना हुई थी

भगवान शिव के केसरिया वस्त्र में लिपटी पवित्र ‘छड़ी मुबारक’ श्रीनगर स्थित दशनामी अखाड़े से साधु-संतों के दल के साथ रवाना हुई थी। गुफा में प्रतिष्ठा के बाद इसे पुनः अखाड़े में स्थापित किया जाएगा। अब ‘छड़ी मुबारक’ पहलगाम पहुंचेगी, जहां लिद्दर नदी के तट पर पूजा-विसर्जन और साधु-संतों के लिए पारंपरिक कढ़ी-पकौड़ा भंडारा आयोजित होगा।

 

यात्रा की अनुमति पंजीकृत यात्रियों को ही मिली

इस बार अधिकांश यात्रियों ने पारंपरिक 45 किलोमीटर लंबे पहलगाम मार्ग की बजाय 16 किलोमीटर लंबे बालटाल मार्ग को चुना। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार इस बार यात्रा पर सख्त नियंत्रण रहा। केवल पंजीकृत यात्रियों को ही निर्धारित तिथियों पर यात्रा की अनुमति दी गई, जबकि गैर-पंजीकृत श्रद्धालुओं का प्रवेश प्रतिबंधित रहा।

सफल यात्रा संपन्‍न, सुरक्षाबलों ने ली राहत की सांस 

बालटाल और नुनवान आधार शिविरों से गुफा की ओर जाने वाली आवाजाही पर भी कड़ी निगरानी रखी गई। शांतिपूर्ण और सुरक्षित समापन से प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों ने राहत की सांस ली। सुरक्षा बलों की सतर्कता ने सभी संभावित खतरों को विफल कर दिया। पहले की तरह इस बार भी आतंकी घटनाओं ने श्रद्धालुओं का उत्साह कम करने के बजाय और दृढ़ बना दिया, जिससे प्रशासन के सामने नई चुनौतियां खड़ी हुईं।