

Amazing Scam : शिक्षा के मंदिर की रंगाई का अद्भुत घोटाला, 4 लीटर पेंट करने में 65 मिस्त्री और 168 मजदूर लगे!
मीडियावाला के नेशनल हेड विक्रम सेन की रिपोर्ट
Shahdol : जिले का एक हाई स्कूल अब अपनी चमकती दीवारों से ज्यादा इस अनोखे बिल के लिए चर्चा में है। जानकारी अनुसार प्रदेश के शहडोल ज़िले के इस सरकारी हाई स्कूल की दीवारें को मात्र 4 लीटर पेंट से रंगने के लिए 168 मजदूर और 65 मिस्त्री लगाए गए। यानि कुल 233 लोग इस ‘अद्भुत’ रंगाई में जुटे थे। इस रंगबाजी के खेल में 4 लीटर पेंट से दीवारें चमकाने का बिल बना 1 लाख 6 हजार रुपए का बना। प्राप्त खबरों के अनुसार इस भ्रष्ट कारनामे का बिल भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसे देखकर हर कोई हैरान हैं।
यह बिल हाई स्कूल सकंदी तहसील ब्यौहारी के नाम से 5 मई 2025 का बना है। इस बिल पर हाईस्कूल के प्रधान अध्यापक से लेकर इस दीवार को रंगने वाले सुधाकर कंस्ट्रक्शन जो कि ग्राम-इन्दवार, ग्राम पंचायत ओदारी, तहसील ब्यौहारी, जिला-शहडोल में स्थित हैं और इलेक्ट्रिक सामग्री, मैकेनिकल सामग्री, गिट्टी, रेत, मुरुम, ईंट एवं समस्त भवन निर्माण मटेरियल उपलब्ध कराते हैं। इस पर प्रोपराइटर के हस्ताक्षर भी है, वहीं जिला शिक्षा अधिकारी के हस्ताक्षर से इसका भुगतान भी स्वीकृत किया गया।
इस घोटाले की बड़ी बात यह कि स्कूल शिक्षा विभाग के जिला शिक्षा अधिकारी ने इस बिल को बिना पलक झपकाए मंजूरी दे दी। इस मामले पर शहडोल के जिला शिक्षा अधिकारी फूल सिंह मारपाची का बयान सामने आया। उन्होंने कहा कि उन्हें सोशल मीडिया से इस बारे में पता चला है। उन्होंने कहा कि इसकी जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
मप्र में देश में सबसे ज्यादा स्कूलों के मामले में दूसरे पायदान पर
केंद्र सरकार द्वारा जारी की गई यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इंफॉर्मेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन प्लस रिपोर्ट (UDISE-PLUS) के अनुसार देश में सबसे अधिक स्कूलों के मामले में मध्य प्रदेश दूसरे पायदान पर है। जबकि स्कूलों की संख्या में अव्वल उत्तर प्रदेश है।
मध्यप्रदेश में 92,439 सरकारी स्कूल हैं, जबकि प्राइवेट स्कूल मिलाकर मध्यप्रदेश में 1,23,412 स्कूल हैं जिनमें एक करोड़ 53 लाख 61 हजार विद्यार्थी पढ़ रहे हैं। जबकि, इन स्कूलों में 6 लाख 39 हजार 525 शिक्षक पदस्थ हैं। यानि देश में संचालित कुल स्कूलों में 8.33 प्रतिशत स्कूल मध्यप्रदेश में हैं। समझा जा सकता हैं कि सरकार द्वारा इन शिक्षा के मंदिर स्कूलों के लिए कितना अच्छा भुगतान बजट में से निर्धारित किया जा रहा हैं।