अंबेडकर फ्लायओवर : दुर्घटनाओं को न्योता देगा वल्लभ भवन का एकमात्र सिग्नल

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अंबेडकर फ्लायओवर : दुर्घटनाओं को न्योता देगा वल्लभ भवन का एकमात्र सिग्नल

भोपाल। राजधानी के सबसे लंबे जीजी फ्लायओवर की भले ही शुरूआत जोरदार हुई हो लेकिन इसकी गलत प्लानिंग आनेवाले समय में दुर्घटनाओं को न्योता देगी। वल्लभ भवन और डीबी माल की तरफ से आनेवाली गाड़ियों के लिये लगा एक ही सिग्नल सिरदर्द बनेगा। इससे पुल से उतरकर वल्लभ भवन की ओर जाने के लिये लेफ्ट टर्न लेने के पर डीबी माल की ओर से आनेवाली गाड़ियां बनेंगी क्योंकि दोनों ही तरफ का एक ग्रीन सिग्नल है।

दिक्कत और भी हैं
ब्रिज की लंबाई पौने 3 किमी है, जो गणेश मंदिर से गायत्री मंदिर तक जाता है। एक लेन अरेरा पहाड़ी तक जाता है। जब ये तीनों लेग एक-दूसरे से जुड़ती हैं तो यहां पर सिग्नल नहीं लगे हैं। ऐसे में तेज रफ्तार में टर्न लेने पर गाड़ियां एक-दूसरे से भिड़ सकती है। हालांकि, बीच में छोटी सी रोटरीनुमा जगह जरूर है। पर इससे अधिक असर नहीं पड़ेगा।

गणेश मंदिर पर कट पाइंट जरूरी
फ्लाईओवर का एक सिरा गणेश मंदिर पर उतरता है। यहां परएक कट पाइंट जरूरी था। इसके आगे वीर सावरकर ब्रिज है। पहले सड़क के बीच में डिवाइडर नहीं बना था। इसलिए लोग राइट टर्न लेकर अरेरा कॉलोनी, 10 नंबर मार्केट, बिट्ठन मार्केट, कोलार रोड, शाहपुरा की ओर मुड़ जाते थे, पर अब बीचोंबीच डिवाइडर बना दिया गया है। ऐसे में इन जगहों पर जाने के लिए वीर सावरकर ब्रिज होते हुए आना पड़ रहा है। इससे करीब दो किमी का अतिरिक्त फेरा लग रहा है। मंदिर के पास सिग्नल लगाकर ट्रैफिक को रोका जा सकता है। पहले दिन लोग रॉन्ग साइड में चले गए।

शौर्य स्मारक चौराहे पर टर्निंग
अंबेडकर की प्लानिंग में शौर्य स्मारक चौराहे की टर्निंग भी दिक्कत दे रही है। इस ब्रिज की कुल तीन लेग है। इनमें पहली गणेश मंदिर, दूसरी गायत्री मंदिर और तीसरी भोपाल हाट के पास शौर्य स्मारक चौराहे पर है। तीसरी लेग पर गाड़ियों को उतरने और टर्निंग में दिक्कतें आ रही हैं। यहां बीच में रोटरी बनाए जाने की जरूरत थी लेकिन इस तरफ किसी ने ध्यान नहीं दिया।