अंबेडकर जी… संसद शर्मिंदा है…
कौशल किशोर चतुर्वेदी
बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर का विचार था कि ‘सफलता कभी भी पक्की नहीं होती है,असफलता भी कभी अंतिम नहीं होती है। अपनी कोशिश को तब तक जारी रखो जब तक आपकी जीत इतिहास ना बन जाए।’
अंबेडकर का यह विचार देश के दो प्रमुख राजनैतिक दलों भाजपा और कांग्रेस पर लागू होता है तो दो प्रमुख राजनैतिक गठबंधन घटक एनडीए और इंडिया पर भी लागू होता है। और ऐतिहासिक जीत तक पहुंचने की कोशिश में ही संसद में जोर-आजमाइश होती रहती है। और फिलहाल संसद में संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के नाम पर कोहराम मचा है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अंबेडकर को लेकर संसद में जो बयान दिया है, उस पर इंडिया गठबंधन का विरोध जारी है। तो एनडीए भी प्रदर्शन कर रहा है। संसद परिसर में इसी बीच 19 दिसंबर 2024 को भारी हंगामा हो गया। बीजेपी सांसद प्रताप सारंगी चोटिल हो गए। व्हीलचेयर पर बैठे सारंगी का एक वीडियो सामन आया है,जिसमें उन्होंने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर धक्का देने का आरोप लगाया। हालांकि राहुल गांधी ने इन आरोपों को झूठा करार दिया है। प्रताप सारंगी का आरोप है कि राहुल गांधी ने पास खड़े एक और बीजेपी सांसद को धक्का दिया, जो मुझ पर आ गिरे। इस वजह से मैं चोटिल हो गया। यह पूरा बवाल तब हुआ, जब विपक्ष और सत्ता पक्ष आंबेडकर के मुद्दे पर प्रदर्शन कर रहे थे। धक्कामुक्की में बीजेपी के दो सांसद जख्मी हो गए, जो अस्पताल में भर्ती हैं। अंबेडकर मुद्दे पर संसद परिसर अखाड़ा बन गई है। धक्कामुक्की में सांसद प्रताप सारंगी और मुकेश राजपूत चोटिल हुए हैं जिन्हें दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया।
अपने ऊपर लगे आरोपों पर राहुल गांधी ने कहा कि मैं संसद के प्रवेश द्वार से अंदर जाने की कोशिश कर रहा था,तो भाजपा सासंद मुझे रोकने की कोशिश कर रहे थे,मुझे धमका रहे थे। यह उसी वक्त हुआ है। हमारा संसद में अंदर जाने का अधिकार है। मुख्य मुद्दा यह है कि वे संविधान पर आक्रमण कर रहे हैं। राहुल ने आगे कहा कि भाजपा के सांसद विपक्ष के सांसदों,खरगे जी, राहुल जी सबको अंदर जाने से रोक रहे थे। ना हम इन गिदड़ों से कभी डरे थे,ना कभी डरेंगे। प्रियंका गांधी और खरगे जी के साथ भी धक्कामुक्की हुई है। हमें इससे फर्क नहीं पड़ता, धक्कामुक्की से हमें कुछ होता नहीं है। राहुल ने आगे कहा कि यह हमारा अधिकार है,संसद के अंदर जाना हमारा अधिकार है।
तो इस पूरे बवाल पर भारतीय जनता पार्टी भी आक्रामक नजर आई। अपने दो बीजेपी सांसदों मुकेश राजपूत और प्रताप सांरगी के अस्पताल में भर्ती होने के बाद भाजपा राहुल गांधी पर हमलावर रही। संबित पात्रा ने संसद में हुई इस घटना का वीडियो भी जारी किया है, जिसमें निशिकांत दुबे राहुल गांधी को संभवत: कुछ कहते दिखाई दे रहे हैं। संबित पात्रा ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि राहुल गांधी का अहंकार और गुंडागर्दी चरम पर है। ओड़िशा के बालासोर से सांसद आदरणीय प्रताप सारंगी जी के साथ राहुल गांधी ने धक्का-मुक्की कर उन्हें चोटिल कर दिया। एक वरिष्ठ सांसद के साथ राहुल गांधी का यह व्यवहार अत्यंत निंदनीय है। संसदीय कार्य मंत्री किरन रिजीजू ने कहा कि राहुल गांधी ने हमारे दो सांसदों को धक्का दिया है। उन्होंने कहा कि संसद कोई कुश्ती का अखाड़ा नहीं है। केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रताप चंद्र सारंगी जी को देखकर मन पीढ़ा से भर गया है। संसद के इतिहास का ये काला दिन है। मर्यादाओं की धज्जियां उड़ा दी गई। राहुल गांधी और कांग्रेस ने जो गुंडागर्दी की है उसका कोई दूसरा उदाहरण नहीं मिलता। अब वे ऐसी गुंडागर्दी करेंगे। ऐसा आचरण आज तक भारत की संस्कृति इतिहास में देखा नहीं गया,उनके लिए एक पाठशाला में ट्रेनिंग देनी चाहिए कि लोकतंत्र में आचरण कैसा होता है। हम इस गुंडागर्दी की निंदा करते हैं।
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजीजू ने कहा कि आज संसद के मुख्य द्वार में भाजपा-एनडीए सांसदों का प्रदर्शन चल रहा था। राहुल गांधी और उनके सांसदों ने जबरदस्ती घुसकर अपना जो शारीरिक प्रदर्शन किया है,वो बहुत गलत है। संसद कोई शारीरिक ताकत दिखाने का प्लैटफ़ॉर्म नहीं है। राहुल गांधी ने भाजपा के दो सांसद प्रताप सारंगी और मुकेश राजपूत को जोर से धक्का दिया। राहुल गांधी ने जो धक्का-मुक्की की है, मैं उसका खंडन करता हूं। मैं राहुल गांधी से सवाल करना चाहता हूं कि अगर सब लोग अपनी ताकत दिखाकर मारपीट करने लग जाएंगे,तो संसद कैसे चलेगा?…यह लोकतंत्र का मंदिर है, हमारे दोनों सांसद गंभीर रूप से घायल हुए हैं। उनका इलाज चल रहा है।
तो संसद में हुई धक्कामुक्की की घटना को लेकर कांग्रेस और भाजपा दोनों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। कांग्रेस मुख्यालय में राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हम शांति से प्रदर्शन करने आए थे, लेकिन भाजपा ने मसल पावर दिखाया। ये उनका अडाणी जैसे जरूरी मुद्दों से ध्यान भटकाने का तरीका है। वहीं, भाजपा मुख्यालय में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि अगर खड़गे-राहुल को माफी नहीं मांगनी थी तो प्रेस कॉन्फ्रेंस क्यों की। उनका अहंकार झलक रहा है। आज जो संसद में हुआ उसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती। कांग्रेस ने गुंडे-पहलवान संसद में भेजे हैं। यह शर्मनाक है और मेरा सिर शर्म से झुक गया। हमारे सांसदों ने इसकी शिकायत भी की है। जो उचित और वैधानिक कार्रवाई होगी, भाजपा करेगी।
तो बात बस इतनी ही है कि संसद में अंबेडकर के नाम पर विवाद जारी है। और अब प्रदर्शन के दौरान धक्कामुक्की ने दो भाजपा सांसदों को रक्तरंजित कर दिया है। अब इसे लोकतंत्र का काला दिन कहें या शर्मनाक। पर संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर के नाम पर हो रही धक्कामुक्की ने संसद को शर्मिंदा किया है। संसद देश को दिशा दिखाती है। तो अब क्या यह तय माना जाए कि देश में गली-गली, चौराहों पर ऐसी धक्कामुक्की देखने को मिल सकती है। ऐसे में संसद की तरह ही चौराहों को भी शर्मिंदा होना पड़ सकता है …। पर याद रखिए कि अंबेडकर जी का यह विचार सबके लिए है कि ‘सफलता कभी भी पक्की नहीं होती है,असफलता भी कभी अंतिम नहीं होती है…।’