अजय कुमार चतुर्वेदी की खास खबर
भाजपा के वरिष्ठ नेता और गृह मंत्री अमित शाह का पंजाब का चुनावी दौरा राज्य में कुछ नये समीकरण बनने के संकेत दे गया।
रविवार को अपने पंजाब दौरे में उन्होंने चुनावी सभाओ में कांग्रेस और मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी पर जम कर आरोप लगाए। मंदिरों में दर्शन किए। इसके बाद वे अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह से भी मिले।
शाह के साथ केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष इकबाल सिंह लालपुरा, मंजीत सिंह सिरसा और तरुण चुघ भी थे।
हालांकि इस मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं लेकिन अगर सूत्रों की मानें तो इस मुलाकात के पीछे अकाली दल को राजनीतिक चोट पहुंचाना लगता है। पंजाब के गुरुद्वारों की प्रबंथ संस्था पर अकाली दल का काफी प्रभाव है।
अकाली दल से गठबंधन के दौरान सरकार में भाजपा की हमेशा छोटे भाई की भूमिका रही। लेकिन परिस्थितियां बदलने के बाद भाजपा अब अकाली दल से अलग हो गयी है।
इस बार वह अमरिंदर सिंह और अकाली दल के असंतुष्ट सुखदेव सिंह ढींढसा वाले अकाली दल के साथ मिल कर विधानसभा चुनाव मैदान में हैं।
इस नये गठबंधन में भाजपा को सबसे ज्यादा सीटें मिली हैं और वह बडे भाई की भूमिका में आ गयी है। ऐसे में अकाली दल के वोट बैंक मे सेंथ मारे बिना वोट प्रतिशत बढना संभव नहीं है, ऐसा राजनीतिक प्रेक्षकों का मानना है।
पंजाब में 20 फरवरी को सभी 117 सीटों के लिए मतदान होना है। इस राजनीतिक गुणा भाग का असर किसके पक्ष में होगा इसका पता तो 10 मार्च को ही पता चलेगा।