ट्रेन में नाराज यात्रियों ने 3 TTE को बनाया बंधक

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ट्रेन में नाराज यात्रियों ने 3 TTE को बनाया बंधक

Ratlam : उज्जैन से मुंबई की और जाने वाली ट्रेन क्रमांक 12962 इंदौर-मुंबई सेंट्रल अवंतिका एक्सप्रेस के एस-8 कोच के यात्रियों ने रविवार रात तीन टीटीई को करीब पांच घंटे तक बंधक बनाए रखा।रिजर्वेशन लेंकर सफर कर रहें यात्री स्लीपर कोच में वेटिंग लिस्ट और अन्य यात्रियों की बहुत ज्यादा भीड़ होने से नाराज थे। शिकायत के बावजूद कोई एक्शन नहीं करने पर यात्रियों ने टीटीई को कोच में ही घेर लिया।भरूच में समझाने आए जीआरपी और आरपीएफ जवानों को भी बैठा लिया।सूरत में जीआरपी ने शिकायत लिखी तब जाकर यात्रियों ने टीटीई को छोड़ा।

घटनाक्रम की शुरुआत रात लगभग 11:30 बजे गोधरा से हुई,जब रिजर्वेशन कोच में बहुत ज्यादा अनरिजर्वड व लोकल यात्री चढ़ गए। इससे आरक्षण करवाकर सफर करने वाले यात्रियों का गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने बार-बार चेन पुलिंग करना शुरू कर दिया।तीन-चार बार ऐसा होने पर इंदौर से ड्यूटी पर चढ़े टीटीई धीरज हार्डिया, सुनील मीणा समझाने गए। यात्रियों ने उन्हें स्थिति दिखाकर परेशानी बताई लेकिन टीटीई कुछ नहीं कर पाए।इससे यात्रियों का गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने दोनों को कोच में ही घेर दिया।कुछ देर बाद एसी कोच के ड्यूटी कर रहे लालू राम वर्मा समझाने गए तो उन्हें भी बैठा लिया।मामला बढ़ता देख टीटीई ने सबसे पहले रतलाम और वड़ोदरा कंट्रोल को सूचना दी।

इस पर ट्रेन ने वडोदरा पहुंचने पर दो आरपीएफ जवान आए लेकिन यात्रियों ने टीटीई को नहीं छोड़ा। जवान कुछ कर पाते इसके पहले ट्रेन चल दी।चेन भी नहीं खींचने दी।टीटीई ने फिर रेलवे कंट्रोल को सूचना दी।भरूच स्टेशन पर फिर दो जीआरपी और दो आरपीएफ के जवान आए,लेकिन कुछ नहीं कर पाए।नाराज यात्रियों ने उन चारों को भी घेर कर बैठा लिया।मामला बिगड़ता देख सूरत स्टेशन पर जीआरपी के दो इंस्पेक्टर चढ़े।उन्होंने यात्रियों से बात कर शिकायत लिखी,तब जाकर सुबह लगभग 4:20 बजे यात्रियों ने टीटीई और जवानों को वलसाड स्टेशन पर उतरने दिया।मामले में रेलवे ने जांच आरंभ कर दी है।जांच के बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

महाकाल दर्शन कर लौट रहे थे यात्री
जनरल में सिर्फ दो कोच थे इस कारण अधिकांश लोग स्लीपर में चढ़ गए।जिस कोच एस 8 में घटना हुई उसमें अधिकांश यात्री उज्जैन में महाकाल के दर्शन कर मुंबई लौट रहें थे।इसके अलावा जो दूसरे यात्री चल रहे थे।वह भी सावन माह में महाकाल का दर्शन करके लौट रहे थे बताया जा रहा है कि उज्जैन से ही भीड़ हो गई थी गोधरा पहुंचते-पहुंचते बाथरूम तक जाने की जगह नहीं बची थी जिससे यात्री नाराज हो गए ट्रेन में जनरल के सिर्फ दो कोच है जबकि एसी के 10 और स्लीपर के 8 कोच थे।