Anwar Qadri Declared Fugitive : धर्मांतरण के लिए फंडिंग मामले में फरार पार्षद अनवर कादरी को भगोड़ा घोषित करने की तैयारी!

धर्मांतरण मामले में विदेश से भी फंडिंग की आशंका, बैंक खातों में संदिग्ध ट्रांजेक्शन मिले!

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Anwar Qadri Declared Fugitive : धर्मांतरण के लिए फंडिंग मामले में फरार पार्षद अनवर कादरी को भगोड़ा घोषित करने की तैयारी!

 

Indore : धर्मांतरण और लव जिहाद फंडिंग केस में फरार चल रहे कांग्रेस पार्षद अनवर कादरी उर्फ डकैत को भगोड़ा घोषित करने की तैयारी है। उसे भगोड़ा घोषित करने को लेकर कोर्ट ने कहा कि आरोपी 8 अगस्त तक सरेंडर कर दें, वरना कोर्ट भगोड़ा घोषित करेगी। पुलिस इसके बाद अनवर की संपत्ति भी कुर्क करेगी।

एफआईआर दर्ज होने के बाद से ही वह फरार है। पुलिस ने अब उसकी गिरफ्तारी के लिए लुकआउट नोटिस जारी कर एयरपोर्ट को भी अलर्ट किया है। साथ ही उस पर 20 हजार रुपए का इनाम भी पहले से घोषित किया गया है। कादरी से जुड़े अन्य सहयोगियों को भी जांच के दायरे में लिया गया है। पुलिस को आशंका है कि अनवर कादरी विदेश भागने की फिराक में है।

पुलिस जांच में सामने आया अनवर कादरी का भोपाल के चर्चित मछली परिवार से भी संपर्क था और उनके फर्म जीरापुर फिशरीज के जरिए करोड़ों की फंडिंग धर्मांतरण और लव जिहाद में की गई। भोपाल के मछली परिवार पर भी इसी तरह के आरोप हैं। जांच एजेंसियां विदेशों से आए फंड के स्रोतों की भी छानबीन कर रही हैं। पुलिस को अनवर के बैंक खाते से संदिग्ध ट्रांजेक्शन भी मिला है।

कादरी की बेटी पर दूसरा मामला 

पुलिस ने अनवर कादरी की बेटी आयशा पर भी दूसरा मामला दर्ज किया है। पहले मामले में उसे जमानत मिल चुकी है, लेकिन दिल्ली से गिरफ्तारी के दौरान उस पर पिता को छिपाने, शरण देने और फर्जी सिम कार्ड उपलब्ध कराने का आरोप लगा था। मंगलवार को रिमांड समाप्त होने पर आयशा को कोर्ट पेश कर 6 दिन का रिमांड मांगा। पुलिस ने कहा कि आयशा पुलिस को गुमराह कर रही है। उससे सिम कार्ड और मोबाइल जब्त करना है। पुलिस के तर्कों से सहमत कोर्ट ने आयशा की रिमांड अवधि बढ़ा दी। पुलिस आयशा से पूछताछ कर रही है।

पार्षदी समाप्त करने के प्रस्ताव को एमआईसी में मंजूरी

लव जिहाद के लिए फंडिंग करने में मामले में फरार चल रहे आरोपी अनवर कादरी उर्फ डकैत की पार्षदी समाप्त करने के प्रस्ताव को एमआईसी में मुहर लग गई है। मंगलवार को हुई बैठक में इस प्रस्ताव को रखा गया था। निगम परिषद दो तिहाई बहुमत होने के आधार पर परिषद बैठक में इसे मंजूर करेगी। उससे पहले कादरी को अपना पक्ष रखने का भी मौका दिया जाएगा।