Arbitrary School Fees Will be Curbed : प्राइवेट स्कूलों की मनमानी फीस पर अंकुश लगेगा, सरकार का आदेश जारी!

जबलपुर की तरह प्रदेश के सभी प्राइवेट स्कूलों की किताबों की भी जांच होगी!

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Arbitrary School Fees Will be Curbed : प्राइवेट स्कूलों की मनमानी फीस पर अंकुश लगेगा, सरकार का आदेश जारी!

Bhopal : निजी स्कूलों के प्रबंधन की मनमानी पर सरकार ने अंकुश लगाने की तैयारी कर ली। जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना ने शहर के सभी प्राइवेट स्कूलों में बच्चों की मनमानी फीस बढ़ाने, उनकी ही किताब और ड्रेस खरीदने के मामले को लेकर सख्ती की। अब इसी तर्ज पर प्रदेश के सभी प्राइवेट स्कूलों की नकेल कसी जाएगी। इस संबंध में राज्य शासन ने प्रदेश के सभी कलेक्टर को पत्र जारी किया है।

मध्यप्रदेश निजी विद्यालय (फीस तथा संबन्धित विषयों का विनियमन) अधिनियम 2018 एवं नियम 2020 के प्रावधानों के तहत प्रदेश के सभी जिलों के कलेक्टर को आवश्यक कार्यवाही किए जाने के निर्देश जारी किए गए हैं। वहीं मध्य प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री (School Education Minister) उदय प्रताप सिंह ने कहा कि हम फीस वृद्धि (School Fees Hike) की समीक्षा की कर रहे है। अगर किसी स्कूल में एक साथ पांच साल की फीस बढ़ाई, तो वो गलत है। अगर किसी स्कूल ने नियम से ज्यादा फीस बढ़ाई तो कार्रवाई होगी। फीस वृद्धि को लेकर सभी कलेक्टर्स को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। कलेक्टर अपने जिलों में फीस वृद्धि की जांच करेंगे।

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प्रदेश में निजी स्कूलों के प्रबंधन द्वारा मनमाने तरीके से बच्चों की स्कूल फीस बढ़ाने के साथ उनकी ही किताब खरीदने के मामले के लेकर प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन पूरी तरह से सख्त है। हाल ही में जबलपुर में इस तरह का बड़ा एक्शन देखने मिला। बिना अनुमति के निजी स्कूल प्रबंधन द्वारा बच्चों की स्कूल फीस बढ़ाने और किताब पब्लिकेशन के मामले में गिरफ्तार स्कूल संचालकों को अदालत से जमानत भी नहीं मिली।

पुलिस के मुताबिक जब्त किए गए दस्तावेजों का विश्लेषण किया जाना है, जो आरोपितों की उपस्थिति में ही संभव है। इससे करोड़ों के लेन-देन की परतें खुलेंगी। नकली प्रकाशकोें की जानकारी भी आरोपितों से प्राप्त की जा सकेगी, इसलिए पुलिस रिमांड अपेक्षित है। अब ऐसी ही कार्यवाही प्रदेशभर में चलेगी ताकि स्कूल प्रबंधन की मनमानी को रोका जा सके।

फर्जी व डुप्लीकेट किताबों के खिलाफ अभियान चलाएं
फर्जी व डुप्लीकेट आईएसबीएन पाठ्यपुस्तकों को पाठ्यक्रम में शामिल किया जा रहा है। इसे ठीक करने के लिए 30 जून 2024 तक विशेष अभियान चलाकर जांच कराएं। चिन्हित करें कि कितने विद्यालयों द्वारा किन कारणों से ऐसी गड़बड़ी की गई है? गड़बड़ी करने वाले प्रकाशक और बुक सेलर्स के विरुद्ध कार्रवाई भी की जाए। इसकी जांच रिपोर्ट भी कलेक्टरों को देने के लिए कहा गया है।

जबलपुर कलेक्टर की कार्यवाही का असर
इस मामले में जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना की कार्रवाई मिसाल बनी है। सक्सेना ने 11 निजी विद्यालयों की जांच कराकर वहां फर्जी और डुप्लीकेट पुस्तकें चलाने और 81.30 करोड़ रुपए की ज्यादा वसूली गई फीस कराने तथा 22 लाख की पेनाल्टी लगाने की कार्रवाई की है। इसके साथ ही इन विद्यालयों के 20 प्राचार्यों, चेयरमैन, सीईओ, सचिव और अन्य पदाधिकारियों की गिरफ्तारी भी की गई है। जबलपुर कलेक्टर की कार्यवाही के बाद दमोह कलेक्टर सुधीर कोचर और शहडोल कलेक्टर तरुण भटनागर ने भी जिले के विद्यालयों की जांच शुरू कराई हैं। पोर्टल पर विद्यालयों से जानकारी अपलोड करने के लिए कहा है।