साथ-साथ तो नहीं चल रहे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और ‘ऑपरेशन लोटस’ …

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साथ-साथ तो नहीं चल रहे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और ‘ऑपरेशन लोटस’ …

कौशल किशोर चतुर्वेदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शशि थरूर प्रेम ने कांग्रेस में हलचल पैदा कर दी है। मोदी की इस मोहब्बत में कांग्रेस को शायद नफरत की बू आ रही है। ऑपरेशन सिंदूर के जरिए पाक को तहस-नहस करने का दावा करने वाली मोदी सरकार कहीं पाकिस्तान को पूरी दुनिया में बेनकाब करने के नाम पर ‘ऑपरेशन लोटस’ तो साथ में नहीं चला रही है? कांग्रेस के मन में इस सवाल का होना सतही नहीं माना जा सकता। दरअसल केरल राज्य में वामपंथी और कांग्रेस को भेदना है तो असम के डॉ. हिमंत बिश्व शर्मा की तरह किसी लड़ाके की जरूरत तो है ही, जो कांग्रेस को छलनी करते हुए राष्ट्रभक्ति का परचम फहरा सके। और थरूर को पाक की पोल खोलने का दायित्व देकर मोदी ने एक संग दोनों लक्ष्यों पर संधान किया है। और मोदी को वैसे भी दूसरे राजनैतिक दलों को भेदने का लंबा अनुभव है सो कांग्रेस की आशंका को निराधार नहीं माना जा सकता है।

तो ऑपरेशन सिंदूर के बाद अब सरकार का फोकस पाकिस्‍तान को कूटनीतिक तौर पर घेरने का है। इसके लिए मोदी सरकार ने ऑल पार्टी डेलिगेशन बनाया है। यह डेलिगेशन दुनिया भर के देशों में जाकर पहलगाम हमले और उसके बाद पाकिस्‍तान पर किए गए ऑपरेशन सिंदूर को लेकर झूठे प्रचार की पोल खोलेगा।ऑपरेशन सिंदूर पर मोदी सरकार की बहु दलीय डेलिगेशन की सूची में शशि थरूर का भी नाम है। मगर विरोधाभास यह है कि कांग्रेस की सूची में शशि थरूर का नाम गायब है। वहीं मोदी सरकार ने शशि थरूर को पाक के पोल खोलने की कमान दी है।

जयराम रमेश ने जो कांग्रेस की ओर से सूची जारी की है, उसमें शशि थरूर का नाम हैं ही नहीं। केंद्र सरकार ने विदेशों में डेलिगेशन का नेतृत्व करने के लिए सात सांसदों को चुना है। सांसदों के डेलिगेशन में अलग-अलग पार्टियों के सांसद शामिल होंगे। शशि थरूर को सरकार ने अमेरिका जोन की कमान सौंपी है। वह कुछ यूरोपीय देशों में भी पाकिस्तान की पोल खोलेंगे। सरकार के मुताबिक, सातों डेलिगेशन को जो सांसद लीड करेंगे, उनमें शशि थरूर (कांग्रेस), रविशंकर प्रसाद (भाजपा), संजय झा (जदयू), बैजयंत पंडा (भाजपा), कनिमोझी करुणानिधि (डीएमके), सुप्रिया सुले (एनसपी), श्रीकांत शिंदे (एनसीपी) शामिल हैं।हालांकि, कांग्रेस ने अपनी ओर से जो नाम सरकार को दिया है, उसमें तो शशि थरूर का नाम ही नहीं है। जयराम रमेश ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा, ‘कल सुबह संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कांग्रेस अध्यक्ष और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी से बात की। कांग्रेस से कहा गया कि वह पाकिस्तान से आतंकवाद पर भारत का रुख समझाने के लिए विदेश भेजे जाने वाले प्रतिनिधिमंडल के लिए 4 सांसदों के नाम दे। 16 मई को दोपहर तक लोकसभा में विपक्ष के नेता ने संसदीय कार्य मंत्री को पत्र लिखकर कांग्रेस की ओर से आनंद शर्मा, पूर्व केंद्रीय कैबिनेट मंत्री, गौरव गोगोई, उप नेता, कांग्रेस लोकसभा, डॉ. सैयद नसीर हुसैन, सांसद, राज्यसभा और राजा बरार, सांसद, लोकसभा के नाम की जानकारी भेजी।

 

अब जब एक्स पर ट्वीट हो गया, तो शशि थरूर की प्रतिक्रिया भी जरूरी थी। इस बीच खुद शशि थरूर ने भी एक्स पर पोस्ट किया और सरकार की ओर से डेलिगेशन में शामिल किए जाने पर खुशी जता दी। उन्होंने लिखा, ‘भारत सरकार ने हालिया घटनाओं पर देश का पक्ष रखने के लिए पांच प्रमुख देशों की यात्रा के लिए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने का जो न्योता मुझे दिया है, उससे मैं सम्मानित महसूस कर रहा हूं। जब बात राष्ट्रहित की हो और मेरी सेवाओं की जरूरत हो, तो मैं पीछे नहीं हटूंगा। जय हिंद!’

 

तो मोदी की मोहब्बत रंग ला रही है और कांग्रेस के मन में नफरत को स्वाभाविक तौर पर जन्म दे रही है। अब साफ है कि शशि थरूर के नाम पर बवाल बढना लाजिमी है। जब सरकारी डेलिगेशन में शशि थरूर के नाम की चर्चा शुरू हुई थी, तभी कांग्रेस ने कहा था कि नाम तय करना कांग्रेस का अंदरूनी मामला है। पार्टी ने कहा था कि नाम हम तय करेंगे। और मोदी ने नाम अपनी तरफ से तय कर कांग्रेस के अंदरूनी मामले का बंटाधार कर दिया। हो सकता है कि कल यह सम्मान की सुखद अनुभूति संग शशि थरूर भी राहुल गांधी को कटघरे में खड़ा कर खुद कमल दल संग नजर आएं। तो हो गई न ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के साथ ‘ऑपरेशन लोटस’ की यात्रा शुरू। हो सकता है कि पूर्वोत्तर में डॉ. हिमंता बिश्व शर्मा की तरह दक्षिण में उजाला लाकर कमल खिलाने में ‘शशि’ की महत्वपूर्ण भूमिका पर कल सब चर्चा करें…।