Arnold Dix is Real Hero : सुरंग हादसे में मददगार बने आर्नोल्ड डिक्स, यही होते हैं असली हीरो!

भारतीय आध्यात्म और शाकाहारी खाने के मुरीद हो गए, अभी घर नहीं जाएंगे!

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Arnold Dix is Real Hero : सुरंग हादसे में मददगार बने आर्नोल्ड डिक्स, यही होते हैं असली हीरो!

Uttarkashi : सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को 17 दिन बाद सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। कई असफल अभियानों के बाद इन मजदूरों को जिस तरह रेट माइनर्स और ऑस्ट्रेलिया के अंतरराष्ट्रीय स्तर के सुरंग मामलों का जानकार आर्नोल्ड डिक्स ने बाहर निकाला, उसके बाद उनकी जमकर तारीफ हो रही है। इसमें रेट माइनर्स की मेहनत के अलावा अर्नाल्ड की तकनीकी रणनीति भी थी, जिससे सफलता मिली।

अखबारों में छपी तस्वीर में सिलक्यारा सुरंग के बाहर बौखनाग बाबा के छोटे से अस्थाई मंदिर के बाहर बैठे सिर झुकाकर बैठे एक विदेशी व्यक्ति की फोटो के नीचे लिखा है ‘हीरो ऐसे होते हैं।’ ये बात सही है कि हीरो वही है, जिसे हीरो माने। सोशल मीडिया पर भी इस व्यक्ति के काम करने के तरीके और लोगों की भावनाओं का ध्यान रखने को लेकर जमकर तारीफ हो रही है। विज्ञान के साथ ही उनके आध्यात्म के प्रति समर्पण को लेकर भी लोग सैल्यूट कर रहे हैं।

वे मुश्किल स्थितियों में संयमित रहना जानते हैं। उनकी बातों में ऐसा आत्मविश्वास और भरोसा की सामने वाले को सहज ही यकीन हो जाए। आर्नोल्ड बेहद गूढ़ और सुंदर शब्दों में अपनी बात रखते हैं। उनकी बातचीत में शब्दों की कला दिखती है। जब मजदूरों के सुरंग में फंसे होने और पहाड़ के व्यवहार का जिस मानवीकरण के साथ प्रस्तुत करते हैं वो अपने आप में अनोखा है।

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आपने देखा नहीं कि चमत्कार हुआ
आपने पहाड़ को मुस्कुराते हुए देखा है? विज्ञान के साथ ही आर्नोल्ड का आध्यात्म में भी यकीन है। उत्तरकाशी में सुरंग में फंसे 41 मजदूरों के लिए जब पूरा देश दुआएं कर रहा था, उसके साथ ही आर्नोल्ड भी सुरंग के बाहर एक मंदिर के बाहर सिर झुकाए बैठे थे। ये मंदिर था बौखनाग बाबा का। जब सभी मजदूर सुरक्षित बाहर निकल कर आए तो आर्नोल्ड ने फिर से बाबा बौखनाग का आभार जताने के लिए फिर उनकी शरण में पहुंचे। ऑपरेशन पूरा होने का बाद आर्नोल्ड ने कहा ‘क्या आपने देखा नहीं कि चमत्कार हुआ है।’

भारतीय शाकाहारी खाने के मुरीद
अर्नोल्ड डिक्स धर्म से ईसाई हैं, लेकिन, रोज सुबह जब वे मजदूरों को बचाने के लिए जाते थे तो सुरंग के मुहाने पर बने बाबा बौखनाग के मंदिर पर मत्था जरूर टेकते थे। अब, उन्होंने भारत और भारत के शाहकारी खानपान की तारीफ जमकर तारीफ की। इतना ही नहीं, उन्हें भारत से इतना प्यार हो गया है कि वो अभी अपने घर तक नहीं जाना चाहते। वो भारत में ही रुककर भारत और यहां की संस्कृति को अच्छे से जानना चाहते हैं।

ऑस्ट्रलियाई अर्नोल्ड डिक्स इंजीनियर, वकील, जियोलॉजिस्ट भी हैं। उन्होंने मिशन के दौरान वादा किया था कि अगर मिशन सफल होता है, तो वे मंदिर में धन्यवाद जरूर करने जाएंगे। इसके बाद अर्नोल्ड डिक्स को मंगलवार को बचाव स्थल पर अस्थायी मंदिर में प्रार्थना करते देखा गया। अब ऑपरेशन सफल होने के बाद उन्होंने भारत के लोगों से कहा ‘आपका खाना शानदार है। भारत का शाकाहारी भोजन बहुत शानदार और स्वास्थ्यवर्धक है। मैं अभी वापस नहीं जाना चाहता।’