कला सौंदर्य पूर्ण आत्म अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम है – डॉ गणेश तरतरे

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कला सौंदर्य पूर्ण आत्म अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम है – डॉ गणेश तरतरे

तीन दिवसीय स्मृति गंध कार्यशाला प्रारंभ

ग्वालियर23 नवंबर 2024 कला सौंदर्य पूर्ण आत्मअभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम है । उक्त आशय के विचार मुंबई से पधारे कला गुरु डॉ गणेश तरतरे ने आज यहां कला वीथिका में कल्पतरु आर्ट गैलरी द्वारा स्वर्गीय डॉक्टर वासंती जोशी की स्मृति में आयोजित तीन दिवसीय(23 से 25 नवंबर तक) ‘स्मृति गंध’ कार्यशाला के शुभारंभ अवसर पर व्यक्त किये।

उन्होंने कहा कि अगर जीवन से कला निकल जाए तो सौंदर्यबोध शून्यता की कल्पना मात्र से वीरानी छा जाती है। मसलन कल्पना करें,ऐसी अजंता की गुफाओं की, जिनसे सभी कलात्मक चित्र गायब हों, ऐसे में उन गुफाओं का अस्तित्व ही क्या रह जाएगा।उन्होंने आगे कहा कि कला ऐसी ईश्वरीय देन है जो व्यापक आन्नद सृजना से मनुष्य को मनुष्य से जोड़ती है। जीवन में विविध कलाओं के महत्व को उजागर करते हुए उन्होने ग्वालियर की समृद्ध संगीत परंपरा का उल्लेख किया और स्थानीय कलाकारों को उद्दात कला परंपरा से अभिप्रेरित होकर उत्तम सृजना करने का आव्हान किया । स्वर्गीय कला गुरू बासंती जोशी के योगदान का स्मरण कराते हुए उन्होंने कहा कि कल्पतरु गैलरी के माध्यम से प्रमोद जोशी जी उनके प्रयासों को आगे बढ़ा रहे हैं।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कलागुरू डा.शशिकांत भास्कराव गोरखे ने कहा कि कला बचपन से ही मनुष्य में विद्यमान होती है, बस उन्हें प्रोत्साहित करने, दिशा और मार्गदर्शन से निखारा जा सकता है। उन्होंने कहा कि ऐसी कार्यशालाओं का आयोजन इस दिशा में सराहनीय कदम है, जिसके लिए आयोजक साधुवाद के पात्र हैं।

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कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कोल्हापुर कला निकेतन कला महाविद्यालय से पधारे कला गुरू मंगेश शिंदे ने कला ज्ञान के जन विस्तार की दिशा में कार्यशाला को प्रभावी माध्यम निरूपित किया। उन्होंने कला के विभिन्न पक्षों पर भी प्रकाश डाला। उल्लेखनीय है कि कलागुरू मंगेश शिंदे दृश्य चित्रण में सिद्धहस्त हैं। उन्होंने पावर प्रेजेंटेशन से दृश्य चित्रण कला विधि पर विस्तार से समझाईश दी।

उद्घाटन सत्र के प्रारंभ में कल्प तरु आर्ट गैलरी के निर्माता एवं स्व.बासंती जोशी के पति प्रमोद जोशी ने आयोजन की पृष्ठभूमि और उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कलाज्ञान विस्तार का संकल्प दोहराया।

ग्वालियर नगर के ख्यातिलब्ध समाजसेवी डा. केशव पांडे बतौर विशिष्ठ अतिथि मंचासीन थे। कार्यशाला में 13 स्थानीय संभावनाशील कलाकार तथा 4 जे.जे.स्कूल आफ आर्ट मुंबई के छात्र शामिल हुए।उद्घाटन सत्र के अंत में चार्टर्ड एकाउंटेंट पुनीत जोशी ने सम्माननीय कलागुरुओं,अतिथियोंऔर उपस्थित कलाप्रेमियों के प्रति आभार प्रकट किया।