Arts Fellowship to Bendre’s : बेंद्रे दंपत्ति को भारत सरकार की कला फेलोशिप
इंदौर। भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय ने शहर की बेंद्रे दंपत्ति को कला के क्षेत्र में गहन अध्ययन के लिए फैलोशिप प्रदान की गई। राष्ट्रीय स्तर पर यह फैलोशिप मिलना अपने आप में गौरव की बात है। संस्कृति मंत्रालय के सांस्कृतिक स्रोत एवं प्रशिक्षण केन्द्र (सीसीआरटी) द्वारा प्रति वर्ष कला के क्षेत्र में गहन अध्ययन के लिए सीनियर और जूनियर फैलोशिप प्रदान की जाती है।
2020-21 के लिए लोकनाट्य विधा के विषय पारंपरिक लोकनाट्य के परिप्रेक्ष्य में ‘मालवा का लोकनाट्य : माच चुनौती एवं समाधान” के लिए राज बेंद्रे को 2 वर्ष की सीनियर फैलोशिप प्रदान की। वहीं वर्ष 2021-22 के लोकगीत विधा के विषय ‘मालवा के संस्कार लोकगीतों की परंपरा और सामाजिक परिदृश्य’ के लिए पल्लवी बेंद्रे को 2 वर्ष की सीनियर फैलोशिप प्राप्त हुई है।
उल्लेखनीय है कि राज बेंद्रे रंगकर्म के क्षेत्र में जाना माना नाम है। वे बाल नाट्यों से लेकर रंगकर्म के विभिन्न आयामों में कार्य करने के लिए जाने जाते हैं। इसके अलावा वे फिल्म निर्माण के क्षेत्र में भी जाना माना नाम है। आदिवासी क्षेत्रों में जाकर उनकी संस्कृति, रहन सहन पर राज बेंद्रे ने कई डॉक्यूमेंट्री बनाई है।
वहीं पल्लवी बेंद्रे कथक कलाकार है और अच्छी गायक भी है। पल्लवी बेंद्रे की कई शिष्याएं कथक के क्षेत्र में अच्छा कार्य कर रही है। शहर के कला संस्कृति से जुड़े सभी लोगों ने बेंद्रे दंपत्ति को शुभकामनाएं दी है।