Ashok Barnwal in Race of CS: MP के मुख्य सचिव की दौड़ में 1991 बैच के IAS अशोक बर्णवाल भी! 

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Ashok Barnwal in Race of CS
Ashok Barnwal in Race of CS

Ashok Barnwal in Race of CS : MP के मुख्य सचिव की दौड़ में 1991 बैच के IAS अशोक बर्णवाल भी! 

Bhopal : मध्य प्रदेश के प्रशासनिक गलियारों में इन दिनों एक ही चर्चा है कि अगला मुख्य सचिव कौन होगा? क्या अनुराग जैन को एक्सटेंशन मिलेगा या कोई नया चेहरा सामने आएगा?

भारतीय प्रशासनिक सेवा में 1989 बैच के IAS अधिकारी मुख्य सचिव अनुराग जैन इसी महीने रिटायर हो रहे हैं। हालांकि, जैन को एक्सटेंशन मिलने की पूरी संभावना है। लेकिन अगर उन्हें एक्सटेंशन नहीं मिला तो जो प्रमुख दावेदार प्रदेश के सर्वोच्च प्रशासनिक पद के लिए दावेदार दिखाई दे रहे हैं उनमें अपर मुख्य सचिव डॉ राजेश राजोरा के साथ ही अब वन विभाग के अपर मुख्य सचिव अशोक बर्णवाल (IAS:1991) भी मुख्य सचिव की दौड़ में शामिल हो गए हैं। बता दे कि वर्णवाल वन विभाग के ACS के साथ ही पर्यावरण विभाग के भी ACS हैं। साथ ही उनके पास APC का प्रभार भी है। वे इप्को के प्रभारी भी है। यानी वे CM मोहन यादव के विश्वसनीय अधिकारी के रूप में पहचाने जाते हैं इसलिए कहा जा सकता है कि उनके पास कई महत्वपूर्ण प्रभार है।

मुख्य सचिव अनुराग जैन की सेवानिवृत्ति के बाद प्रदेश में जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा (IAS:1990) सबसे वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी है। वे वर्तमान में NVDA और जल संसाधन विभाग के ACS है। वे 1 महीने पहले तक मुख्यमंत्री के ACS भी थे। राजौरा का तबादला पिछले महीने 6 जुलाई को मुख्यमंत्री कार्यालय से हुआ है। इस पदस्थापना को अगले मुख्य सचिव की नियुक्ति से जोड़कर देखा जा रहा है।  मुख्य सचिव की दौड़ में राजौरा के अलावा केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पद दिल्ली में पदस्थ 1990 बैच की अलका उपाध्याय का नाम भी है। अलका का नाम उस समय भी मुख्य सचिव के लिए चर्चा में आया था,जब सितंबर 2024 में पूर्व मुख्य सचिव वीरा राणा का सेवावृद्धि कार्यकाल पूरा होने पर नया मुख्य सचिव तय होना था। हालांकि, राजौरा के नाम की तमाम अटकलों के बीच आखिरी समय में अनुराग जैन को मुख्य सचिव बनाया गया था। एक बार फिर जैन के एक्सटेंशन या नए मुख्य सचिव के निर्णय पर भी आखिरी समय तक सस्पेंस बने रहने की संभावना है।

प्रशासनिक सूत्र बताते हैं कि अनुराग जैन को एक्सटेंशन मिलने की संभावना ज्यादा है। यदि वे एक्सटेंशन नहीं लेते हैं, तब जैन वापस दिल्ली की राह पकड़ सकते हैं। उन्हें भारत सरकार में सलाहकार के तौर पर किसी अहम परियोजना की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। यह माना जा रहा है कि अगर मध्य प्रदेश सरकार में उनकी सेवाओं का उपयोग नहीं हुआ तो केंद्र सरकार उनकी सेवाओं का जरूर उपयोग करेगा। अनुराग जैन की सेवानिवृत्ति के बाद राजेश राजौरा प्रदेश में सबसे वरिष्ठ अधिकारी है। केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर केंद्र में सचिव पदस्थ अलका उपाध्याय भी 1990 बैच की वरिष्ठ अधिकारी है। इसके बाद अशोक वर्णवाल (IAS: 1991) वरिष्ठ अधिकारी है।

कुछ जानकारों का यह भी कहना है कि अगर अनुराग जैन को एक्सटेंशन नहीं मिला तो दिल्ली से कोई वरिष्ठ अधिकारी भी नया मुख्य सचिव बन जाए तो इसमें कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए?

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