

Prof Ali Khan Arrested : ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर टिप्पणी करने पर अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफ़ेसर गिरफ्तार!
Sonipat (Haryana) : हरियाणा पुलिस ने रविवार को प्रो अली खान महमूदाबाद को ऑपरेशन सिंदूर पर किए गए इंटरनेट मीडिया पोस्ट्स के आधार पर गिरफ्तार कर लिया। उन पर देश की संप्रभुता और एकता को खतरे में डालने का आरोप है। मंगलवार को सोनीपत की एक अदालत ने उन्हें 27 मई तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
महमूदाबाद के खिलाफ दो एफआईआर सोनीपत जिले के राई थाना में दर्ज की गई है। एक हरियाणा राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रेनू भाटिया की शिकायत पर और दूसरी एक ग्राम सरपंच की शिकायत पर। अशोका यूनिवर्सिटी के शिक्षक संघ और छात्रों ने महमूदाबाद की गिरफ्तारी की कड़ी निंदा की है और उनकी तुरंत रिहाई की मांग की है।
उन्होंने भारत-पाकिस्तान के तनाव पर टिप्पणी करने और कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह से प्रेस ब्रीफिंग को लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। वे अशोका यूनिवर्सिटी में एसोसिएट प्रोफेसर हैं। उनकी पत्नी ने जानकारी दी कि रविवार सुबह क़रीब साढ़े 6 बजे पुलिस उनके घर पहुंची और अली ख़ान को अपने साथ ले गई। इससे पहले इस मामले में हरियाणा राज्य महिला आयोग ने भी प्रो अली ख़ान को समन जारी कर उनसे जवाब मांगा था।
गिरफ़्तारी के विरोध में उतरे टीचर्स
उनकी गिरफ़्तारी पर अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर की गिरफ्तारी पर शिक्षकों का विरोध, वहां के टीचर समर्थन में उतरे। प्रो अली खान महमूदाबाद की गिरफ्तारी के खिलाफ देशभर के विश्वविद्यालयों के शिक्षकों ने आवाज उठाई। उन्होंने इस कार्रवाई को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन बताया। मंगलवार को दिल्ली प्रेस क्लब में हुई एक प्रेस कांफ्रेंस में शिक्षकों ने महमूदाबाद की तुरंत रिहा करने की मांग की। कहा कि हम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की सुरक्षा की मांग करते हैं और दोनों देशों में शांति की कामना करते हैं। डीयू के पूर्व शिक्षक लक्ष्मण यादव ने कहा कि प्रो अली खान की पोस्ट में कुछ भी देश के खिलाफ नहीं था। उन्होंने सेना की तारीफ की है। जिन्होंने आरोप लगाए हैं, उन्हें पूरी जानकारी नहीं है। उनके दादा को मुस्लिम लीग से जोड़ा जा रहा है।
उनकी प्रतिष्ठा धूमिल हुई, वह नहीं लौट सकेगी
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (जेएनयूटीए) के अध्यक्ष सुरजीत मजूमदार ने कहा कि यह गिरफ्तारी हालिया भारत-पाकिस्तान संघर्ष में शहीद हुए लोगों की याद का अपमान है। उन्होंने कहा, महमूदाबाद के बयानों में ऐसा कुछ भी नहीं था, जो कानून का उल्लंघन करता हो। अगर आज एक व्यक्ति के अधिकार छीने जा सकते हैं, तो कल किसी और के साथ भी ऐसा हो सकता है। उन्होंने न्यायपालिका से अपील की कि सिर्फ जमानत देने तक सीमित न रहें, बल्कि कानून का दुरुपयोग करने वालों को भी जिम्मेदार ठहराया जाए। उन्होंने कहा, उन्हें जमानत मिल जाएगी और बरी भी हो जाएंगे। लेकिन, उनकी प्रतिष्ठा जो धूमिल हुई है, वह नहीं लौट सकेगी। उनके परिजन भी तकलीफ में हैं।
महमूदाबाद की गिरफ्तारी ने कई सवाल खड़े किए
अशोका यूनिवर्सिटी की छात्र संघ अध्यक्ष इंशा हुसैन ने भी प्रोफेसर के समर्थन में न्याय की मांग की। राज्यसभा सदस्य और दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रोफेसर मनोज झा ने एक वीडियो संदेश में कहा कि महमूदाबाद की गिरफ्तारी कई सवाल खड़ी करती है। उन्होंने कहा, एक तरफ मध्य प्रदेश के मंत्री आपत्तिजनक और अशोभनीय बयान देते हैं और बच जाते हैं, वहीं एक प्रोफेसर जो तथ्यों के साथ अपने विचार रखता है, उसे जेल भेज दिया जाता है।
क्या हमारा लोकतंत्र इतना संकीर्ण हो गया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और सरकार को यह समझना चाहिए कि जैसे आप विदेशों में सद्भावना फैलाते हैं, वैसे ही भारत के गांव-शहर और विश्वविद्यालयों में भी इस भावना की जरूरत है। अंबेडकर विश्वविद्यालय दिल्ली के प्रोफेसर धीरज नाइटे ने कहा कि आज देश में विवेकशील और तार्किक सोच वाले लोग निशाने पर हैं।