ASI Survey Half Day Due to Namaz : धार के शहर काजी ने कहा ‘भोजशाला एक मिस्ट्री, या कमाल मौलाना मस्जिद!’
धार से छोटू शास्त्री की रिपोर्ट
Dhar : आठ दिनों से चल रहे भोजशाला के वैज्ञानिक सर्वे के दौरान आज शुक्रवार को भोजशाला परिसर में मुस्लिम समाज के लोगों ने कड़ी सुरक्षा में जुमे की नमाज अता की। इस कारण आज का सर्वे दोपहर 1 बजे से पहले खत्म कर दिया गया। नमाज के बाद शहर काजी वकार सादिक ने कहा कि भोजशाला मिस्ट्री है, यह तो कमाल मौलाना मस्जिद है।
पिछले आठ दिनों से लगातार आठ-नौ घंटो तक परिसर और उसके बाहर के 50 मीटर क्षेत्र में चल रहे सर्वे के कार्य में लगी टीम शुक्रवार होने के कारण आज सुबह 6 बजे भोजशाला परिसर में आ गई थी और दोपहर साढ़े 12 बजे के करीब आज के दिन का सर्वे कार्य पूरा करके लौट गई। जुमे की नमाज और रंगपंचमी के मद्देनजर पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह की मौजूदगी में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डॉ इंद्रजीत बाकलवार, एसडीएम रोशनी पाटीदार के नेतृत्व में एसएएफ के जवान भोजशाला के बाहर तैनात रहे।
मोबाइल फोन प्रतिबंधित
सीएसपी रविंद्र वास्केल और कोतवाली टीआई समीर पाटीदार की मौजूदगी में पुलिस जवानों ने प्रवेश द्वार से ही कड़ी सुरक्षा के बीच दोपहर में एक बजे बाद बड़ी संख्या में पंहुचें नमाजियो की चेकिंग कर भोजशाला में प्रवेश दिया। सर्वे कार्य की गोपनीयता बने रहे इसलिए पिछले मंगलवार को भी हिंदू समाज के लोगो को मोबाइल फोन लेकर अंदर जाने दिया गया था। उसी परिपेक्ष में आज शुक्रवार को मुस्लिम समाज के लोगो को भी मोबाइल के साथ अंदर प्रवेश नहीं दिया गया।
भोजशाला मिस्ट्री, यह तो मस्जिद
जुमे की नमाज के बाद शहर काजी वकार सादिक ने कहा कि सभी से निवेदन है कि न्यूसेंस बनाने की कोशिश न करे। हम सभी अमन और शांति से यहां रहते थे, रहते है और रहेंगे। राजा भोज का हम बहुत आदर करते है। वह हमारे जिले के और शहर के राजा थे। भोजशाला एक मिस्ट्री है यह अब्दुल समद ने बोला है। लेकिन, मैं आपको बोल रहा हूं कि अटल बिहारी जी की सरकार में एफिडेविट देकर हाईकोर्ट को बताया गया था कि यह कमाल मौलाना मस्जिद है और भोजशाला एक मिस्ट्री है। हाईकोर्ट ने जवाब दिया है, इसलिए हम सुप्रीम कोर्ट जा रहे है पूरा समाज जा रहा है।
उन्होंने कहा कि मेरा ये निवेदन है कि शहर में गंगा जमुना की तहजीब है।1902 और 03 की रिपोर्ट है और जो कमरे की बात हो रही है तो मैं बता दूं कि वह कमरा 1997 तक मुसलमानों के पास था। 1997 में तत्कालीन कलेक्टर सुब्रमण्यम ने कमरा खाली करवाया था। मुस्लिम समाज वहां मौजूद था। उन्होंने हस्ताक्षर करवाए, पंचनामा बनाया। उसमें हमारे भी हस्ताक्षर थे वह पूरी तरह खाली था। सभी से निवेदन है कि न्यूसेंस बनाने की कोशिश न करे। अमन और शांति से यहां रहते थे, रहते है और रहेंगे।