Atal Foundation: जिन चार को अटल अलंकरण से सम्मानित किया उनमें दो सत्यनारायण

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Atal Foundation: जिन चार को अटल अलंकरण से सम्मानित किया उनमें दो सत्यनारायण

अटल जी के अनसुने संस्मरण सुन रहे
श्रोताओं को समय का पता ही नहीं चला

कीर्ति राणा

इंदौर। डेली कॉलेज के सभागार में हुए कार्यक्रम में सुरक्षा कारणों से आमंत्रित नागरिकों को समय से डेढ़ घंटे पहले पहुंचना पड़ा था। खचाखच भरे धीरुभाई अंबानी हॉल में जुटे इन दर्शकों में ऐसे अधिसंख्यक श्रोता थे जो इंदौर में होती रही अटल जी की आमसभा के भी चश्मदीद तो थे लेकिन अटलजी की राजनीतिक शुचिता, सामाजिक संबंधों, सुलझे हुए राजनेता, प्रतिपक्ष नेता के रूप में उनकी खासियतों से अनभिज्ञ थे। संचालन कर रहे मप्र साहित्य अकादमी के निदेशक डॉ विकास दवे विशिष्ठ अतिथियों के आगमन से पहले तक अटल जी से जुड़े संस्मरण धाराप्रवाह सुनाते रहे। उनकी शैली इतनी रोचक थी कि आमंत्रितों को बोरियत महसूस नहीं हुई।

मध्यप्रदेश: अटल जी की 100वीं जन्म जयंती पर शून्य से शतक कार्यक्रम 21 को, उपराष्ट्रपति, राज्यपाल और मुख्यमंत्री करेंगे शिरकत
डेली कॉलेज में अटल फाउंडेशन द्वारा अटल बिहारी वाजपेयी की 100वीं जयंती पर ‘शून्य से शतक’ कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन, राज्यपाल मंगू भाई पटेल और मुख्यमंत्री डॉ यादव ने जिन चार विशिष्ठ व्यक्तियों को अटल अलंकरण से सम्मानित किया उनमें दो तो सत्यनारायण (कवि सत्तन गुरु), सत्यनारायण जटिया (पूर्व केंद्रीय मंत्री), तीसरे संजय जगदाले (भारतीय क्रिकेट टीम चयन समिति के पूर्व चयनकर्ता) तथा पारंग शुक्ला (सागर) थे।
-समारोह में अटल जी के जीवन पर आधारित एक भावपूर्ण लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया। -अटल जी से जुड़े संस्मरणों पर आधारित पुस्तक सदा अटल महाग्रंथ के तृतीय संस्करण के कवर पेज तथा केलेण्डर का विमोचन भी किया गया।
-समारोह में बच्चों की टोली ने गणेश वंदना प्रस्तुत की लेकिन हॉल में बैठे अधिकांश दर्शक ठीक से इनकी प्रस्तुति देख नहीं पाए। कारण यह रहा कि मंच पर अतिथि बैठे थे, प्रस्तुति मंच के नीचे हुई और फोटो-वीडियोग्राफर दर्शकों के बीच बाधक बने हुए थे।
-बीएसएफ बैंड ने राष्ट्रगान के साथ वंदेमातरम की भी प्रस्तुति दी गई।
-कलाकार आलोक वाजपेयी का बांसुरी वादन भी होना था लेकिन मंचीय सुरक्षा कारणों से निरस्त कर दिया गया।
-लाड़ली भतीजी-अटल फाउंडेशन अध्यक्ष माला तिवारी ने स्वागत भाषण में कहा अटलजी ने जो भाजपा का पौधा लगाया वह बरगद का रूप ले चुका है।
अटल फाउंडेशन ने किया अतिथियों का स्वागत अतिथियों का अटल फाउंडेशन की माला वाजपेयी तिवारी, अभिषेक तिवारी, नरेंद्र तिवारी ने विक्रम सिंह पंवार (डेली कॉलेज), संदीप शुक्ला, कपिल मिश्रा, रुचि मिश्रा, पूर्वा तिवारी, सुमित मिश्रा, भूपेश दलाल, श्रवण सिंह चांवड़ा, दीपक जैन टीनू, सत्यम शुक्ला, उमाकांत मिश्रा, प्राची शुक्ला, गुरप्रीत, जयेश व्यास, शिवेश तिवारी आदि ने स्वागत किया।
-अटल फाउंडेशन के संरक्षक डॉ सत्यनारायण जटिया ने वैदिक ऋचाओं से शुरुआत की, अटलजी की कविताएं भी सुनाई।
-राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू के शुभकामना संदेश का वाचन अभिषेक तिवारी ने किया।
-राज्यपाल ने कहा एक देश के पीएम की डेथ पर अटल जी पांच किमी पैदल चल कर गए-यह उनका अपने देश के नेता के प्रति सदभाव था।
-उपराष्ट्रपति राधाकृष्णन, राज्यपाल मंगुभाई पटेल एवं मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने डेली कॉलेज परिसर में लोकमाता देवी अहिल्याबाई होलकर की प्रतिमा का अनावरण किया।
-मंच पर थे ये विशिष्ठजन : कार्यक्रम में नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, सांसद शंकर लालवानी, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, विधायक रमेश मेंदोला और गोलू शुक्ला, डेली कॉलेज प्रेसीडेंट विक्रम सिंह पंवार, अटल फाउंडेशन की अध्यक्ष श्रीमती माला वाजपेयी तिवारी, डेली कॉलेज स्टॉफ आदि उपस्थित थे।

🔹अटलजी ने तीनों जगदंबाओं को साथ
रख के चौबीस दलों वाली सरकार चलाई

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मुख्यमंत्री यादव ने अटलजी की राजनीतिक परिपक्वता का जिक्र करते हुए कहा आज ममता जी को काबू कर पाना मुश्किल है लेकिन चौबीस दलों वाली सरकार के मुखिया के रूप में अटलजी ने जय ललिता, मायावती, ममता तीन जगदंबाओं को साथ रखा सरकार में। लोकसभा में पार्टी के दो सांसद थे तब भी विचारधारा को मजबूत किया। चाहे दो हो या सौ अटल जी, अटलजी रहे। चौबीस दलों के साथ सरकार चलाई और एक वोट के अंतर पर सरकार जाए तो चली जाए यह चिंता भी नहीं की।

🔺जय ललिता, मायावती, ममता