भोपाल: प्रदेश में प्राथमिक सहकारी साख समितियों में जिले में दूर की समितियों में प्रशासक बनाए जाने से इन समितियों का आॅडिट, निरीक्षण और जांच प्रभावित हो रही है। इसको देखते हुए अब सहकारिता विभाग ने विकासखंड में पदस्थ अफसरों को ही प्रशासक बनाने का निर्णय लिया गया है।
जिले की सहकारी संस्थाओं में विशेष रुप से प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाएं पैक्स एवं विपणन सहकारी संस्थाओं में नियुक्त प्रशासकों को जिले में दूर-दूर स्थित समितियों का प्रशासक नियुक्त किया गया है। इन कर्मचारियों द्वारा संस्थाओं का आॅडिट, निरीक्षण, जांच आदि कार्य भी किए जाते है। जिससे विभिन्न स्थानों पर उन्हें आने-जाने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है तथा संस्थाओं का काम भी प्रभावित हो रहा है। निकट भविष्य में उपार्जन का काम भी प्रारंभ होगा।
इसके चलते प्रभावी निगरानी हेतु एक क्लस्टर में प्रशासकों की संस्थाओं में उपस्थिति एवं कार्य संचालन आवश्यक है।
आयुक्त ने निर्देश दिए है कि काम प्रभावित न हो इस दृष्टि से विकासखंड में पदस्थ सहकारी विस्तार अधिकारी को उस विकासखंड की सभी पैक्स, विपणन संस्थाओं में प्रशासक नियुक्त किया जाए। जिससे उसे काम करने और संस्थाओं पर नियंत्रण रखने में सुविधा हो। जहां सहकारी संस्थाओं की संख्या अधिक है तो आसपास स्थित समितियों के प्रभार हेतु एक ही प्रशासक नियुक्त किया जाए ताकि वह प्रभावी परिणाम दे सके। इसके हिसाब से अब युक्तियुक्त करण करते हुए विकासखंड के अधिकारियों को प्रशासक के रुप में तैनात किया जाएगा। प्रशासकों की नियुक्ति में परिवर्तन करते हुए बीस नवंबर तक पालन प्रतिवेदन भेजने के लिए सभी उप आयुक्त और सहायक आयुक्तों को निर्देश सहकारिता आयुक्त नरेश पाल ने दिए है।