Augmentative & Alternative Communication Method : उज्जैन की दुष्कर्म पीड़िता के बयान संकेत, हाव-भाव के विशेषज्ञों ने समझे!

जितनी पीड़ा घटना के समय हुई, उतनी ही पीड़ा 8 किमी पैदल चलने में भी हुई!

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Augmentative & Alternative Communication Method : उज्जैन की दुष्कर्म पीड़िता के बयान संकेत, हाव-भाव के विशेषज्ञों ने समझे!

Indore : उज्जैन रैप पीड़िता बच्ची को स्लो लर्निंग डिसेबलिटी है इस कारण किसी भी बात को वो ठीक से समझ नहीं पाती। ऐसे में उसके बयान लेना चुनौतीपूर्ण था। जिस पर संवर्धित और वैकल्पिक संचार विधि (Augmentative & Alternative Communication Method) से उसके बयान लिए गए। इसके लिए विशेषज्ञों को इसमें शामिल किया गया। घटना के दौरान बच्ची समझ ही नहीं पा रही थी कि उसके साथ हो क्या रहा था। लेकिन, जब उसके साथ अत्याचार हो रहा था, तब वह पापा … पापा … पुकार रही थी। लेकिन, सुनसान जगह पर उसे सुनने वाला कोई भी नहीं था।

काउसंलिंग के दौरान पीड़िता ने बताया कि अंजान रास्ते पर भटक रही थी। पता नहीं था कहां जाना है। आसपास से गुजरने वाले कई वाहन वाले रूके और वहां से निकल गए। तभी एक आटो आया, उसके चालक ने बैठा लिया। मुझे लगा किसी सुरक्षित जगह लेकर जाएगा। लेकिन, वह एक खेत में लेकर गया और उसने दरिंदगी करना शुरू कर दिया। मैं मदद के लिए आवाज लगा रही थी, लेकिन सुनने वाला कोई नहीं था। इसके बाद आरोपी खेत में छोड़कर चला गया। जितनी पीड़ा उसे घटना के दौरान हुई, उतनी ही पीड़ा आठ किमी पैदल चलने पर भी हुई। क्योंकि, कोई मदद के लिए आगे नहीं आया।

पीड़िता ठीक से बोल भी नहीं पा रही थी, ऐसे में लोग उसकी बातों को समझ भी नहीं पा रहे थे कि वह क्या बताना चाह रही है। तीन दिनों तक चली काउंसलिंग के दौरान पीड़िता के संकेत, बोलना, हाव-भाव के माध्यम से बयान को दर्ज किया गया। वह कोई भी बात को एक साथ नहीं बोल पाती है। बस एक शब्द ही कह पाती है।

आरोपी को पत्थर से मारना चाहती है पीड़िता

पीड़िता ने आरोपी की पहचान फोटो से की। पीड़िता के अंदर आरोपी को लेकर काफी गुस्सा था। वह कहती है कि वह उसे पत्थर मारना चाहती है। पीड़िता को अभी तक ठीक से हिंदी भी नहीं पढ़ना आती। वह अपना नाम तक नहीं लिख पाती। काउंसलिंग करने वालों ने जब पीड़िता के बयान लिए तो वह भी दंग रह गए कि कोई आरोपी इस तरह से कैसे कोई कृत्य कैसे कर सकता है। उसके हर एक शब्द में गुस्सा था, उसकी पीड़ा सुनकर विशेषज्ञों को भी रोना आ ही गया था। लेकिन हैवानियत करने वाले उस आरोपी को पीड़िता पर रहम नहीं आया।

आनंद सर्विस सोसायटी के ज्ञानेंद्र पुरोहित और मोनिका पुरोहित ने रेप पीड़िता की काउंसलिंग करवाई है। आनंद सर्विस सोसायटी द्वारा मूकबधिर और दिव्यांग 400 से अधिक पीड़ितों के बयान लिए जा चुके हैं। ऐसे कई मामलों में आरोपित की पहचान कर उन्हें सजा भी दिलवाई जा चुकी है।

क्या होती है संवर्धित और वैकल्पिक संचार विधि

संवर्धित और वैकल्पिक संचार में बोली जाने वाली या लिखित भाषा के उत्पादन या समझ में कमी वाले लोगों के लिए भाषण को प्रतिस्थापित करने के लिए उपयोग की जाने वाली संचार विधियां शामिल हैं। इसका उपयोग उन लोगों द्वारा किया जाता है जिनके पास बोलने और भाषा संबंधी कई प्रकार की अक्षमताएं हैं, जिनमें सेरेब्रल पाल्सी, बौद्धिक हानि और आटिज्म जैसी जन्मजात हानियां और एमियोट्रोफिक लेटरल स्क्लेरोसिस और पार्किंसंस रोग जैसी अधिग्रहित स्थितियां शामिल हैं। किसी व्यक्ति के संचार में स्थायी वृद्धि या अस्थायी सहायता हो सकती है। इसका उपयोग मूकबधिर, मानसिक दिव्यांग आदि के पीड़ितों के लिए किया जाता है।