Autumn Begins : आज दिन और रात होंगे बराबर, कल से रातें बड़ी होने लगेंगी!
Indore : देशभर में आज दिन और रात बराबर समय के होंगे। इसके बाद कल से दिन छोटे होने लगेंगे और रातें बड़ी होंगी। इसका मतलब यह है कि शरद ऋतु प्रारंभ हो जाएगी। शरद ऋतु का यह नजारा उज्जैन स्थित वैधशाला से देखा जा सकता है। खगोल शास्त्रियों में इस घटना को लेकर खासा रोमांच देखा जा रहा है।
जानकारी अनुसार आज रात में सूर्य दक्षिणी गोलार्ध में प्रवेश करेगा। इसी दिन से शरद ऋतु की शुरुआत मानी जाती है। सूर्य के दक्षिणी गोलार्ध में प्रवेश करने की घटना को शरद संपात कहा जाता है। जिस समय यह घटना होती है उसे समय दिन और रात बराबर होता है। साथ ही धीरे-धीरे दिन छोटे और रात बड़ी होने लगती है।
उज्जैन स्थित जीवाजी वैधशाला से इस खगोलीय घटना को स्पष्ट देखा जा सकेगा। खगोल शास्त्रियों में इस घटना को लेकर खासा उत्साह रहता है। न सिर्फ वैज्ञानिकों में बल्कि आम लोगों में भी इस घटना को देखने के लिए खासा उत्साह रहता है। बड़ी संख्या में लोग उज्जैन भी पहुंचते हैं।
000
NCERT Books in Govt Schools : अब सरकारी स्कूलों के छात्र भी एनसीईआरटी की किताबों से पढ़ेंगे!
सरकार का मकसद सरकारी स्कूल और निजी स्कूल की पढ़ाई में अंतर घटाना!
Indore : सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को प्राइवेट स्कूलों के स्टूडेंटों से बेहतर बनाने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग लगातार कोशिश कर रहा है। इसी के तहत अब सरकारी स्कूलों में भी एनसीईआरटी की किताबें अनिवार्य किए जाने की योजना बनाई गई है। विभाग ने एनसीईआरटी की किताबों से पढ़ने के लिए टीचरों को ट्रेनिंग भी देना शुरू कर दिया।
विभाग पहले हाई स्कूल लेवल की कक्षाओं को एनसीईआरटी की किताबों से पढ़ाने की तैयारी कर रहा है।
जानकारी अनुसार शिक्षा विभाग ने शुरुआत में 9वीं और 11वीं की कक्षाओं में ही एनसीआरटी की किताबों से पढ़ने की तैयारी की है। इसके बाद हाई स्कूल और हायर सेकंडरी के साथ ही अन्य कक्षाओं से होगी। प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को सीबीएससी के समकक्ष लाने की कवयाद कई सालों से चल रही थी। इसी के चलते पहले हाई और हायर सेकंडरी स्कूलों को मार्डन स्कूल में बदला गया। इसके बाद सीबीएससी कोर्स को अनिवार्य किए जाने की योजना बनाई गई।
नई व्यवस्थाओं में बदलाव के पीछे सरकार का मंशा है एक समान शैक्षणिक व्यवस्था करने की है। इससे सरकारी स्कूल और निजी स्कूल के पढ़ाई में जहां किसी प्रकार का कोई अंतर नहीं रहेगा।
000
Data Digitalized : डीएवीवी ने अपने सभी स्टूडेंट्स का डाटा डिजिटलाइज्ड रिकॉर्ड किया!
इससे स्टूडेंट का डाटा और मार्कशीट आदि वेरीफाई करने में बहुत कम समय लगेगा!
Indore : देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी (डीएवीवी) ने अपने सभी स्टूडेंट का सारा रिकार्ड डिजिटलाइज्ड कर दिया। इससे न सिर्फ स्टूडेंट्स को बल्कि नौकरी पाते समय नियोक्ता संस्थाओं को भी स्टूडेंट का डाटा और मार्कशीट आदि वेरीफाई करवाने के लिए बहुत कम समय लगेगा। उधर, छात्रों को भी यूनिवर्सिटी के चक्कर नहीं काटना पड़ेंगे, इससे उनके भी समय और धन की बचत होगी। वेरिफिकेशन का समय भी कम हो जाएगा।
इससे कर्मचारी और स्टूडेंट्स दोनों को फायदा मिलेगा। बताया गया कि यूनिवर्सिटी ने सारा डाटा डिजिटल कर लिया है। इसे अपने कर्मचारियों तक भी पहुंचा दिया गया ताकि यह प्रक्रिया शुरू की जा सके। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (एनईपी) लागू होने के बाद से ही यूनिवर्सिटी अपने स्टूडेंट्स के लिए नई सुविधाएं जोड़ता जा रहा है। डीएवीवी के अनुसार कई कंपनियों, नियोक्ताओं या उच्च शिक्षण संस्थानों की ओर से छात्रों की मार्कशीट, डिग्री सहित अन्य डॉक्यूमेंट्स के वेरीफिकेशन के लिए क्वेरी आती है। डीएवीवी अब तक वेरिफिकेशन का यह काम सीडी में सेव की गई जानकारी से तुरंत कर देगा। अब स्टूडेंट डॉक्यूमेंट्स वेरिफिकेशन का काम अपडेट प्रक्रिया के साथ करेगा।
जिसे संकाय का छात्र उसी में मिल जाएगा रिकॉर्ड
कई कंपनियां, नियोक्ता या उच्च शिक्षण संस्थान छात्रों की मार्कशीट, डिग्री सहित अन्य डॉक्यूमेंट्स के वेरिफिकेशन के लिए क्वेरी करती हैं। विशेष रुप से डीएवीवी इंदौर से पास आउट और विदेशों में काम कर रहे स्टूडेंट्स के डॉक्यूमेंट्स वेरिफिकेशन के लिए डाक या मेल के माध्यम से दस्तावेज भेजती हैं। वेरिफिकेशन के लिए डीएवीवी अब तक चार्ट बनाता था। इसमें संबंधित संकाय, कक्षा और विद्यार्थियों की डिटेल होती थी, लेकिन लाखों विद्यार्थियों में से एक-एक छात्र के नाम, कक्षा ढूंढ़ने की प्रक्रिया में डीएवीवी का और कंपनी दोनों का काफी वक्त और मेहनत लग जाता था। इसलिए डीएवीवी ने संकाय और कक्षावार सभी छात्रों का डेटा सीडी और डीवीडी में कंपाइल किया है। ऐसे में जब भी स्टूडेंट वरिफिकेशन की
कोई क्वेरी आ रही है तो उसे ऑनलाइन ही सर्च करके कंपनी या शिक्षण संस्थान को जवाब दिया जा रहा है।
इससे डीएवीवी के समय और मेहनत की बचत हो रही है। एग्जाम कंट्रोलर डॉ अशेष तिवारी ने बताया कि कई कंपनियां अपने यहां पर नौकरी पर रखने से पहले विद्यार्थियों की जानकारी को वेरिफाई करने के लिए डाक के माध्यम से या फिर ईमेल से दस्तावेज भेजती हैं। इस प्रक्रिया में विवि का और कंपनी दोनों का काफी वक्त खराब हो जाता है। इसलिए डीएवीवी ने यह सुविधा अपनाई है। डीएवीवी ने सभी विद्यार्थियों का एकेडमिक रिकॉर्ड और सारी जरूरी जानकारी सीडी, डीवीडी में कंपाइल कर ली है।