Avalanche : चमोली में हिमस्खलन में 4 की मौत, 5 की तलाश, 57 में से 48 को निकाल लिया गया!

उत्तराखंड के CM पुष्कर सिंह धामी ने माणा गाँव का दौरा कर बचाव अभियान का जायज़ा लिया!

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Avalanche : चमोली में हिमस्खलन में 4 की मौत, 5 की तलाश, 57 में से 48 को निकाल लिया गया!

Chamoli : शुक्रवार को उत्तराखंड के चमोली ज़िले में एक बड़ा हादसा हुआ। बर्फबारी के कारण हिमस्खलन हुआ और 57 सड़क निर्माण मज़दूर बर्फ में फंस गए। शनिवार को बचाव कार्य ज़ारी रहा। फंसे हुए मज़दूरों में से चार की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। पाँच मज़दूर अभी भी लापता हैं, उनकी तलाश रविवार को भी जारी है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने माणा गाँव का दौरा किया और बचाव अभियान का जायज़ा लिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी मुख्यमंत्री से बात की और हर संभव मदद का आश्वासन दिया।

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फंसे 57 में से 48 को निकाल लिया गया था। बाकी के 9 को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा था, जिसमें से 4 ने दम तोड़ दिया, बाकी की तलाश जारी है। हादसे के बाद से सेना, एयरफोर्स, ITBP, SDRF लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन चला रहे है। ये मज़दूर बॉर्डर रोड्स ऑर्गनाइजेशन के लिए काम कर रहे थे। हिमस्खलन उनके कैंप पर आया था, जिससे 55 मज़दूर बर्फ में दब गए।

शनिवार को मौसम में सुधार हुआ तो सेना, वायुसेना, राष्ट्रीय और राज्य आपदा मोचन बल (NDRF और SDRF) और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) की टीमों ने बचाव कार्य तेज़ किया। शुक्रवार को 32 लोगों को बचाया गया। शनिवार को 18 और लोगों को बर्फ से निकाला गया। रक्षा जनसंपर्क अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल मनीष श्रीवास्तव ने कहा ‘बचाव अभियान जारी है।’ उन्होंने बताया कि जिन चार लोगों की मौत हुई है, उन्हें गंभीर चोटें आई थीं। फंसे हुए मज़दूर कंटेनरों में रह रहे थे। बचाव दल को अब तक पाँच कंटेनर मिल चुके हैं। 3 कंटेनरों का अभी भी पता नहीं चल पाया है।

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सेना ने लापता कंटेनरों का पता लगाने के लिए खोजी कुत्तों को तैनात किया है। दिल्ली से GPS और ग्राउंड पेनिट्रेशन रडार भी मँगवाए जा रहे हैं। ये रडार ज़मीन के अंदर देख सकते हैं और फंसे हुए लोगों का पता लगाने में मदद करेंगे। वायुसेना ने बचाव कार्य के लिए एक MI-17 और 3 चीता हेलीकॉप्टर लगाए हैं। उत्तराखंड सरकार के दो हेलिकॉप्टर और AIIMS-ऋषिकेश का 1 एयर एम्बुलेंस भी सेवा में लगाया गया है।


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शनिवार दोपहर 3 बजे तक 29 मज़दूरों को इलाज के लिए जोशीमठ ले जाया गया। घायल मज़दूरों का इलाज माणा और जोशीमठ के सैन्य अस्पताल में चल रहा है। रिपोर्ट के अनुसार लगभग 200 लोग बचाव और राहत कार्य में जुटे हैं। बेस कैंप के पास सेना का एक हेलीपैड भी बनाया गया है।