Ayodhya Ram Mandir: जिस मुहूर्त में हुआ था रामलला का जन्म, उसी मुहूर्त में प्राण-प्रतिष्ठा
Ayodhya Ram Mandir: त्रेतायुग में भगवान विष्णु के 7वें अवतार के रूप में रामजी का जन्म अयोध्या में हुआ था. रामजी के जन्म के समय जैसे मुहूर्त थे, ठीक वैसा संयोग 22 जनवरी को प्राण-प्रतिष्ठा का रहा है .
22 जनवरी को पंचांग के अनुसार अभिजीत मुहूर्त और इसके साथ ही इस तिथि पर कई शुभ संयोगों का भी निर्माण हुआ है .
अभिजीत मुहूर्त में जन्मे थे प्रभु श्रीराम
पौराणिक ग्रंथों के अनुसार, त्रेतायुग में प्रभु श्रीराम का जन्म अभिजीत मुहूर्त में ही हुआ था. इस मुहूर्त को बहुत ही शुभ माना गया है. इसलिए राम मंदिर में मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा भी अभिजीत मुहूर्त में ही की गई . अभिजीत मुहूर्त में रामलाल की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद भगवान की मूर्ति सदैव मंदिर में विराजमान रहेगी.
इन शुभ मुहूर्त में हुई रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा
हिंदू धर्म में सभी शुभ-मांगलिक कार्य पंचांग के अनुसार शुभ मुहूर्त में ही किए जाते हैं. ऐसे में ज्योतिष विद्वानों द्वारा रामलाल की प्राण-प्रतिष्ठा के लिए सोमवार, 22 जनवरी की तिथि तय की गई . पंचांग के अनुसार, इस दिन पौष मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि है . इस दिन अभिजीत मुहूर्त , साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग और रवि योग जैसे शुभ योगों का भी निर्माण हुआ . प्राण-प्रतिष्ठा के लिए केवल 84 सेंकड का ही शुभ मुहूर्त , 12 बजकर 29 मिनट 18 सेकंड से 12 बजकर 30 मिनट 32 सेकंड में किया गया .
आज बहुत ही शुभ संयोग और मुहूर्त में अयोध्या राम मंदिर में भगवान राम के बाल रूप की प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान है। अगर ग्रहों की बात करें तो आज गुरु के ऊपर बहुत ही बलवान शनि की दृष्टि भी पड़ रही है। शनि और गुरु नवांश कुंडली में भी प्रबल होकर आमने-सामने बैठे हैं। इन दोनों का जब भी संबंध होता है तो ब्रह्मांड में आध्यात्मिक चेतना अपनी उच्च सीमा पर रहती है। शनि भी इस कुंडली में कर्म स्थान का और लाभ स्थान का अधिपति भी बन रहा है। शनि की कृपा के बिना इतना बड़ा प्रसंग कभी नहीं बनता क्योंकि शनि मोक्ष स्थान का कारक भी हैं, ईश्वर के साक्षात्कार का ग्रह भी है और न्याय का देवता भी है।