उज्जैन से सुदर्शन सोनी की रिपोर्ट
उज्जैन । श्री महाकालेश्वर मंदिर में शिव नवरात्रि पर्व बडे ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।
शिवनवरात्रि महोत्सव के दौरान भगवान श्री महाकालेश्वर ने नौ दिन तक अलग-अलग रूपों में श्रद्धालुओं को दर्शन दिये।
परंपरानुसार आज फाल्गुन शुक्ल द्वितीया (चन्द्रदर्शन) शुक्रवार को बाबा महाकालेश्वर के एक साथ पांच स्वरूपों में दर्शन श्रृंगार किया गया ।
भगवान श्री महाकाल ने आज अपने पंच मुखरविंद जिनमे श्री मनमहेश, श्री शिवतांडव, श्री होल्कर, श्री छबिना एवं श्री उमामहेश के आकर्षक श्रृंगारित स्वरूप अपने भक्तों को दर्शन दिये। पंच मुखारविंद दर्शन के पूर्व भगवान महाकाल की शाम 5 बजे का पूजन अपराह्न 3 बजे हुआ। तत्पश्चात भगवान श्री महाकाल ने भक्तों को पांच स्वरूपों में दर्शन दिये।
मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ ने बताया कि, महाशिवरात्रि के पश्चात वर्ष में एक बार ही ऐसा अवसर आता है, जब बाबा महाकाल एक साथ अपने सभी पांच मुखौटों में दर्शन देते हैं।