बदनावर, धार। समाज में रहने वाला हर इंसान अपने रहने के लिए एक खूबसूरत आशियाने का निर्माण करता है, लेकिन कोई भी इस बात का ध्यान नहीं रखता कि जिन परिंदों की चह चाहट कानों में मधुर संगीत घोल देती है, इनका भी कोई आशियाना होना चाहिए। इसकी एक पहल बदनावर नगर के गौमाता सेवा संस्था के सदस्यों ने की है। सामाजिक व धार्मिक कार्यक्रमो के लिए मशहूर बदनावर शहर अब परिन्दों के रहनुमा बन रहा है।
सोशल मीडिया पर चलाई थी पक्षी घर बनाने की मुहिम: फिर दानदाताओं का मिलने लगा सहयोग
गौमाता सेवा संस्था के अध्यक्ष यशपाल सिंह सिसोदिया ने बताया कि जब हम गुजरात , राजस्थान गए थे, तब पक्षी घर वहां देखा था। तब हमने भी ठाना था कि परिंदों के लिए हम भी आशियाना बदनावर में बनाएंगे। इसको लेकर संस्था के सदस्यों से चर्चा कर फेसबुक, व्हाट्सएप, ट्विटर, स्टाग्राम आदि पर प्रचार शुरू किया। फिर यह मुहिम बहुत आगे बढ़ गई। धीरे धीरे दानदाता भी इस मुहिम में जुड़ गए। जिसकी बदौलत यह बनकर तैयार हो गया है।
कुतुबमीनार जैसा लगता है पक्षी घर
यहां गौशाला परिसर में गौमाता सेवा संस्थान द्वारा आकर्षक पक्षी घर का निर्माण किया गया है। इसे देखते ही कुतुबमीनार की याद आ जाती है।
प्रदेश सरकार के उद्योग मंत्री राजवर्धनसिंह दत्तीगांव ने इसका समारोह पूर्वक लोकार्पण किया। इस अवसर पर पक्षी घर के निर्माण में सहयोगी रहे दानदाताओ का भी अभिनंदन पत्र एवं शाल, श्रीफल भेंट कर सम्मान किया गया।
60 फीट ऊंचाई के इस पक्षी घर में 650 घोंसले बनाए गए हैं
संस्थान के प्रमुख यशपालसिंह सिसोदिया ने बताया कि गुजरात व राजस्थान में बहुतायत में बने हुए पक्षी घरों को देखकर यहां भी यह विचार मूर्त रूप ले पाया है। उन्होंने बताया कि 60 फीट ऊंचाई के इस पक्षी घर में 650 घोसले बनाए गए हैं। जिनमें करीब 2000 परिंदे अपने परिवार सहित सुरक्षित रह सकेंगे।
पक्षी घर 7 स्टेप में बनाया गया है। यह करीब 6 लाख की लागत से एक माह में बनकर तैयार हुआ है। इसे गुजरात के कारीगरों ने ठेकेदार जावेद भाई के मार्गदर्शन में तैयार किया है।
इस अनोखे पक्षीघर को देखने के लिए हर रोज लोग पहुंच रहे है ओर संस्था के इस सराहनीय कार्य की दिल खोलकर प्रशंसा कर रहे है।
देखिए वीडियो: क्या कह रहे हैं, यशपाल सिंह सिसोदिया (संस्था अध्यक्ष)-