Bailable warrant Against IAS: अवमानना पर हाईकोर्ट ने संचालक पंचायत विभाग को भेजा नोटिस

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Bailable warrant Against IAS: अवमानना पर हाईकोर्ट ने संचालक पंचायत विभाग को भेजा नोटिस

हाईकोर्ट ने आईएएस अधिकारियों द्वारा लगातार आदेशों की नाफरमानी करने एवं अवमानना के लगातार मामले बढ़ने पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। हाईकोर्ट ने तत्कालीन संचालक पंचायत विभाग एस प्रकाश के विरुद्ध 5000 रुपये का जमानती वारंट जारी किया है। 

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने पंचायत विभाग के संचालक और आईएएस एस प्रकाश के खिलाफ पांच हजार रुपये का जमानती वारंट जारी किया है। अवमानना मामले में जारी किए गए इस वारंट में आईएएस अफसर को व्यक्तित तौर पर हाईकोर्ट में उपस्थित होने के आदेश दिए गए हैं।

ट्रांसफर के आवेदन पर कोर्ट के आदेश के बावजूद कार्रवाई नहीं की गई। इसे लेकर याचिका रिट दायर याचिका पर कोर्ट ने आदेश दिया है। दरअसल लेक्चरर जिला पंचायत के पद पर मंजुला कश्यप महासमुंद में साल 2017 से पदस्थ हैं। उनके पति बिलासपुर एसपी ऑफिस में कॉन्सटेबल हैं।

मंजुला कश्यप ने संचालक पंचायत विभाग से पति-पत्नी नियम के आधार पर अपना ट्रांसफर बिलासपुर किए जाने की मांग की थी। स्थानांतरण आवेदन पर किसी भी तरह की कोई कार्रवाई नहीं किए जाने से उन्होंने बिलासपुर उच्च न्यायालय में रिट याचिका दाखिल की थी।

मामले की सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने जून 2020 में संचालक पंचायत विभाग को निर्देश दिया था कि वे 90 दिन के भीतर मंजुला कश्यप के बिलासपुर ट्रांसफर के लिए प्रस्तुत अभ्यावेदन का निराकरण करें। इसके बावजूद निर्धारित समय बीत जाने पर भी पंचायत विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की। जिसके बाद उन्होंने अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय और घनश्याम शर्मा के माध्यम से हाईकोर्ट में अवमानना की याचिका दाखिल की।

मामले में हाईकोर्ट ने 13 अक्टूबर 2020 को आईएएस एस प्रकाश को नोटिस जारी किया। इसके दो साल बाद भी आईएएस ने अवमानना के मामले में कोई जवाब प्रस्तुत नहीं किया। इसे लेकर हाईकोर्ट ने कड़ी नाराजगी जाहिर की है। हाईकोर्ट ने छत्तीसगढ़ में आईएएस अधिकारियों द्वारा लगातार आदेशों की नाफरमानी करने एवं अवमानना के लगातार मामले बढ़ने पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। हाईकोर्ट ने तत्कालीन संचालक पंचायत विभाग एस प्रकाश के विरुद्ध 5000 रुपये का जमानती वारंट जारी किया है।