प्रदेश के 250 गांव बनेंगे बाल मित्र ग्राम, नहीं रहेगी बच्चों को कोई समस्या

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भोपाल. प्रदेश के ढाई सौ गांवों को बाल मित्र ग्राम बनाया जाएगा। यहां रहने वाले समस्याग्रस्त बच्चों को चिन्हित कर उनकी सभी समस्याओं का समाधान किया जाएगा।

इन गांवों को ऐसा तैयार किया जाएगा कि वहां के किसी भी बच्चों को किसी तरह की समस्या न रहे और उनकी सभी जरुरतों को पूरा किया जाएगा।

कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन के साथ मिलकर महिला बाल विकास विभाग इस कार्ययोजना को अंजाम देगा। जिन ढाई सौ गांवों में यह योजना शुरु की जाएगी वहां कैलाश सत्यार्थी फाउंडेशन गांव के सभी समस्याग्रस्त बच्चों को चिन्हित करेंगे।

उनकी समस्याएं दूर कर उन्हें मुख्य धारा में लाने का काम किया जाएगा। उन्हें सरकारी योजनाओं से मदद उपलब्ध कराई जाएगी। जिस बच्चे की जैसी जरुरत होगी उसे फाउंउेशन सरकार की मदद से पूरा करेगा।

इन गांवों में जहां भी बच्चों का शोषण की जानकारी मिलेगी फाउंडेशन के कार्यकर्ता ऐसे बच्चों की जानकारी हासिल कर उन्हें शोषण से बचाने के लिए पूरी कार्यवाही करेंगे। इसके लिए महिला बाल विकास विभाग और केएससीएफ ने एक करारनामा किया है।

फाउंडेशन बाल श्रम कर रहे बच्चों और पढ़ाई छोड़ दूसरे कामकाज कर रहे बच्चों को इस काम से मुक्त कराएंगे। इसके लिए उनके पालकों से भी बात की जाएगी और उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए प्रेरित किया जाएगा।