बरसो रे मेघा बरसो…
वर्ष 2006 में रिलीज हुई हिंदी फिल्म ‘गुरू’ का एक गीत है ‘बरसो रे मेघा-मेघा, बरसो रे मेघा-मेघा,बरसो रे मेघा बरसो…’। यह गीत आज इसलिए याद आ रहा है, क्योंकि मध्यप्रदेश के किसानों को मेघा के बरसने का बेसब्री से इंतजार है। वरना सोयाबीन की अच्छी लहलहाती फसल को चौपट होने से कोई नहीं रोक सकता। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और कृषि मंत्री कमल पटेल भोलेनाथ की मनुहार कर वर्षा कराने की प्रार्थना कर रहे हैं। कमल पटेल ने रविवार यानि 3 सितंबर 2023 को क्षेत्र में स्थित शिव मंदिर में पूजा कर बारिश की कामना की। और भोलेनाथ ने कमल पटेल की प्रार्थना स्वीकार कर हरदा क्षेत्र में रात में ही बारिश करवा दी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी सोमवार यानि 4 सितंबर 2023 को महाकाल मंदिर में पूजा-अर्चना कर प्रदेश में बारिश कराने की विनती की है। धर्म की बात करें तो मध्यप्रदेश में इन दिनों पूजा-उपासना का जोर चल रही रहा है। सावन के महीने ने भी दो माह देकर सबकी उम्मीदों में रंग भरे हैं। तो शिव के रास्ते इंद्र तक पहुंचने की यह राह किसानों के चेहरे पर मुस्कान लाने में सफल होगी, यही कामना है।
दिनांक 04 सितम्बर 2023 को भगवान श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग उज्जैन में उत्तम जल वृष्टि की कामना हेतु जनकल्याण के लिए महारूद्र अनुष्टान का आयोजन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा किया गया। उक्त महारूद्र अनुष्ठान के अंतर्गत सर्व प्रथम मुख्यमंत्री द्वारा भगवान श्री महाकालेश्वर जी का पंचामृत पूजन एवं उत्तम जल वृष्टि की कामना के संकल्प के साथ महारूद्र अनुष्ठान पंडित घनश्याम शर्मा के आचार्यत्व में श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारियों एवं 66 ब्राह्मणों के माध्यम से बाबा महाकाल के सम्मुख नंदी मण्डपम् में किया गया। उक्त महारूद्र अनुष्ठान में 1331 रूद्र पाठ किए गए। वर्तमान में श्रावण भादौ मास प्रचलित है। श्रावण भादौ मास में महारूद अनुष्ठान का अत्यधिक महत्व है। भगवान शिव जल प्रिय है, इस हेतु महारूद्र अनुष्ठान में दूध, जल के मिश्रण की सतत् धारा से भगवान का अभिषेक किया गया।
उधर हरदा में कृषि मंत्री कमल पटेल अच्छी बारिश के लिए महादेव के बाद मां नर्मदा की शरण में पहुंचे। मध्यप्रदेश में अल्प वर्षा की वजह से खेतों में खड़ी फसल को लेकर प्रदेश का किसान हलाकान है। किसान के माथे पर चिंता की लकीरें है तो वहीं दूसरी ओर प्रदेश सरकार में कृषि मंत्री का दायित्व संभाल रहे कमल पटेल स्वयं एक किसान है और वे किसानों का दर्द दिल से जानते हैं। रात- दिन उनको इस बात की चिंता रहती है कि खेतों में खड़ी फसल इस बार अच्छी तो आई है लेकिन एक बारिश की और आवश्यकता है। इसी को लेकर वह कभी इंद्र देवता को आदेशित करने के लिए देवाधिदेव महादेव की शरण में जाते हैं। उनको मनाने के लिए विधिवत रुद्राभिषेक करते हैं।भोलेनाथ सुनते भी है। हरदा में बारिश का मौसम भी बना है लेकिन उनकी चिंता पूरे प्रदेश भर की है। इसी जतन को लेकर जब अपने दौरे पर निकले तो रास्ते में गांवो की महिलाएं मां नर्मदा को बारिश लाने की मन्नत लेकर मां नर्मदा के नाभि कुंड (हंडिया नेमावर के बीच) सड़क रास्ते से जा रही थीं, तो मंत्री कमल पटेल अपना काफिला रोकते हैं। अच्छी बारिश के लिए मां बेटी तुल्य सभी को साड़ी उड़ाकर उनकी मन्नत पूर्ण हो और शीघ्र ही मां नर्मदा की कृपा से किसानों के ऊपर आया हुआ अल्प वर्षा का संकट टल जाए। ऐसी प्रार्थना वे सभी को साड़ी उड़ाने के साथ चरण छूकर करते हैं।
तो इंद्रदेव प्रसन्न हों, ताकि प्रदेश में बारिश के जरिए पानी की पूर्ति हो सके। फसलों की प्यास बुझे और किसानों के चेहरे खिल सकें। महादेव मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री के जरिए प्रदेश की साढ़े आठ करोड़ आबादी के मन की बात सुनकर प्रदेश को अल्प वर्षा की स्थिति से उबारकर कृतार्थ करें…।